हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से प्रदेश के 1084 एलीमेंट्री व 2963 सीसे स्कूलों में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रोग्राम चलाया जाएगा। विभाग ने ट्रेनिंग के लिए पंचकूला, मुंबई और उत्तर प्रदेश की निजी कंपनियों को टैंडर दिया है। नवंबर से फरवरी तक चलने वाला यह ट्रेनिंग प्रोग्राम जिले के 140 व प्रदेश के कुल 4047 स्कूलों में चलाया जाएगा।
8 नवंबर से स्कूलों में छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे। वर्ष 2012-13 सत्र से चले आ रहे इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण का नाम बदलकर इस बार लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया है। इसे विभाग की ओर से मुंबई, यूपी और पंचकूला की निजी एंजेसियों को टैंडर दिया गया है। यह एजेंसी छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए प्रशिक्षक भेजेंगी। एक ग्रुप में 30 से 35 छात्राएं सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेंगी।
ट्रेनिंग का मकसद; कहीं भी परेशानी आने पर अपनी रक्षा कर सकेंगी लड़कियां
आत्मरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से लड़कियों को मनोवैज्ञानिक, बौद्धिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाया जाएगा, ताकि वे संकट के समय में अपनी रक्षा कर सकें। लड़कियों को आत्म-कौशल से लैस किया जाएगा, ताकि वे पहली बार में किसी भी तरह की अजीब स्थिति के लिए तैयार रहें।
हिंसा करने वाले को सबक सिखाने के लिए लड़कियों को हमले के जवाब में जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार किया जाएगा। प्रत्येक स्कूल में शारीरिक शिक्षा शिक्षक को स्कूल पाठ्यक्रम के एक भाग के रूप में भविष्य के अभ्यास के लिए इन कौशलों को सीखना होगा।
8 नवंबर से स्कूलों में शुरू होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
विभाग की ओर से 8 नवंबर को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसका टेंडर तीन कंपनियों को दिया गया है। इन कंपनियों से प्रशिक्षक सीधे स्कूलों में पहुंचकर जिले के 140 स्कूलों में छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देंगे।-कृष्णा फौगाट, डीपीसी
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