हरियाणा के रोहतक में भी रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) व उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण के खिलाफ पहलवानों व कोच में गुस्सा है। उन्होंने दिल्ली में धरने पर बैठे खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा कि वह आने वाले समय में पहवानों के भविष्य के लिए यह कदम उठा रहे हैं।
फिलहाल पहवानों का भविष्य अंधकारमय होता दिखाई दे रहा है। इन खिलाड़ियों ने आज तक धरना प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन अब फेडरेशन का उत्पीड़न बढ़ गया है। इसलिए पहवानों को धरना देना पड़ा। इस तरह फेडरेशन को चाहिए कि वह खिलाड़ियों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करे।
WFI अध्यक्ष करते हैं खिलाड़ियों को परेशान
सत्यवान अखाड़ा के कोच अंकित ने बताया कि साक्षी मलिक व सत्यवर्त कादियान सहित अन्य पहलवान अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। पहलवानों को परेशानी हो रही थी। इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया। भारतीय पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण खिलाड़ियों को परेशानी दे रहा है। सही सुविधा नहीं दे रहे।
पहवालनों के भविष्य की लड़ाई
उन्होंने कहा कि सभी बड़े खिलाड़ी हैं और सोच-समझकर बैठे हैं। उनकी जायज मांगे हैं, वे पूरी होनी चाहिए। सभी इंटरनेशलन खिलाड़ी कुश्ती को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठा रहे हैं। फिलहाल कुश्ती पर बुरा असर पड़ रहा है। इसलिए सभी खिलाड़ियों की मांग उठाई जा रही है। यह सभी पहवालनों के भविष्य की लड़ाई है।
अपने चहेते के सिलेक्शन के लिए बार-बार लेते हैं ट्रायल
कोच अंकित ने कहा कि फिलहाल कुश्ती में कंपटीशन अधिक है। जो बच्चे ट्रायल दे रहे हैं और जीत रहे हैं, उनकी ट्रायल दोबारा से करवाई जा रही है। यह नहीं होना चाहिए। अगर फेडरेशन को अपना बच्चा भेजना होता है तो वे कई बार ट्रायल करवा देते हैं। जिससे आने वाले भविष्य पर गलत प्रभाव पड़ रहा है।
सर्टिफाइड कोच को ही रेफरी बनाएं
उन्होंने कहा कि फेडरेशन नए-नए नियम लागू कर रही है। नए कोच जिन्हें जानकारी नहीं है, उन्हें रेफरी बना रहे हैं। इसकी बजाय सर्टिफाइड और योग्य कोच ही रेफरी बनाने चाहिए। ताकि पहवालनों के भविष्य से कोई भी खिलवाड़ ना हो। नए नियमों से खिलाड़ियों को नुकसान होगा और वे जल्दी से समझ भी नहीं पाएंगे।
10-15 साल में तैयार होता है खिलाड़ी
कोच अंकित ने बताया कि एक खिलाड़ी को तैयार होने में कम-से-कम 10-15 साल लगते हैं। पहलवान बनने के लिए खिलाड़ी प्रतिदिन करीब 8 घंटे अभ्यास करता है। जिसमें सुबह 4 घंटे और शाम को 4 घंटे पसीना बहाया जाता है। कड़े अभ्यास के बाद बच्चा आगे खेल पाता है और देश को मेडल दिलाता है।
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