हरियाणा के रोहतक में पूर्व CM के करीबी रहे अशोक कुमार उर्फ काका के हत्यारों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष व हैफेड के पूर्व चेयरमैन अशोक काका की 22 अप्रैल 2016 को प्रॉपर्टी विवाद में हत्या कर दी थी। इस मामले में कोर्ट ने 11 आरोपियों को पहले ही दोषी करार दिया था।
इन 11 दोषियों में 2 नाबालिग भी शामिल हैं। जिनको एडिशनल सेशन जज राकेश सिंह की कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। नाबालिगों को भी कोर्ट ने सामान्य दोषियों के ही समान सजा सुनाई है। क्योंकि वारदात के समय उनकी उम्र 16 से 18 वर्ष के बीच में थी। वहीं इनमें से 4 दोषियों को आर्म्स एक्ट के तहत भी सजा सुनाई गई है।
यह मिली सजा
सैर करने के दौरान की हत्या
माडल टाउन निवासी अशोक कुमार उर्फ काका ने ज्वैलर्स का शोरुम किया हुआ था। 22 अप्रैल को कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं हैफेड के पूर्व चेयरमैन अशोक काका डबल पार्क में अपने भाइयों के साथ सुबह सैर करने के लिए गए थे। उसके अन्य भाई फुटपाथ पर सैर कर रहे थे। इसी दौरान पार्क के गेट से तीन नौजवान आए। तीनों के हाथों में हथियार थे।
सुपारी लेकर की थी हत्या
आरोपियों ने आते ही अशोक काका पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। गोली लगने के बाद जमीन पर गिरे हुए को भी लगातार गोली मारते रहे। शोर मचाने पर आरोपी हथियार सहित वहां से भाग गए। उन शूटरों ने प्रॉपर्टी विवाद से जुड़े मामले में सुपारी लेकर अशोक काका की हत्या की थी।
नाबालिग को भी उम्रकैद
अशोक काका पक्ष के वकील सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को हत्या की धारा 302 में उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। 11 में से 2 दोषी नाबालिग थे, जिन्हें न्यायालय ने संगीन अपराध में शामिल होने के कारण बालिग के समान ही सजा सुनाई गई है।
6 अपराधी थे मौके पर
अशोक काका हत्याकांड को अंजाम देने के लिए 6 अपराधी गए थे। जिनमें से सुनील, पंकज हुड्डा व संदीप ने अशोक काका को गोली मारी। वहीं अन्य 5 अपराधी ऐसे हैं, जो इस हत्याकांड में मौके पर नहीं थे, लेकिन वे किसी ना किसी तरह से शामिल रहे हैं। सभी को हत्या की धारा के तहत समान सजा सुनाई है।
मोबाइल लोकेशन भी आई काम
वकील सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि इस केस में महेश वर्मा व राजकुमार वर्मा मौके पर ही थे। गवाहों के बयानों के आधार पर सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। इस मामले में प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर और 2 मौके के गवाह के अलावा मोबाइल लोकेशन भी काफी काम आई।
अफरा-तफरी में सुनाया फैसला
आरोपी पक्ष के वकील सुनील जांगड़ा ने कहा कि अनिल की तरफ से हाईकोर्ट में बेल के लिए आवेदन किया तो होईकोर्ट ने इसे जल्द से जल्द निपटाने के लिए कहा। जिसके बाद करीब छह माह में ही केस का फैसला सुना दिया। अफरा-तफरी में बिना फैक्ट को देखे हुए यह फैसला दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज तक ऐसा कभी भी नहीं हुआ है कि सभी के सभी को एक समान सजा हुई हो। कोर्ट ने 212 पेज के जज्मेंट में सभी को दोषी करार दिया। आगे हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
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