हरियाणा के रोहतक में MBBS स्टूडेंट अब धरना स्थल से निकलकर जनता के बीच जा रहे हैं। नुक्कड़ नाटक व जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत लोगों को सरकार द्वारा MBBS छात्रों पर लागू की गई बाँड पॉलिसी के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही आमजन का भी समर्थन मांगा जा रहा है। ताकि लोग MBBS स्टूडेंट के समर्थन में आए और सरकार उनकी मांग को जल्द से जल्द पूरा करे।
इसको लेकर रोहतक PGI में MBBS स्टूडेंट पिछले 18 दिनों से 40 लाख की बाँड पॉलिसी के विरोध में धरने पर बैठे हैं। धरनारत छात्रों का कहना है कि मांग पूरी नहीं होने तक वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।
सार्वजनिक स्थानों पर किया जागरूक
MBBS स्टूडेंट ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, लघु सचिवालय, रोहतक PGI की ओपीडी आदि शहर के सार्वजनिक स्थानों पर जाकर लोगों को जागरूक करने का काम किया। इस दौरान सरकार द्वारा लागू की गई बाँड पॉलिसी के नुकसान भी गिनवाए। साथ ही सरकार द्वारा शिक्षा के निजीकरण को लेकर आमजन से साथ आकर विरोध करने की मांग की।
मांग पूरी नहीं होने पर स्वास्थ्य सेवाएं होंगी बंद
उन्होंने कहा कि सरकार को MBBS स्टूडेंट व रेजिडेंट डॉक्टरों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया हुआ है। अगर सरकार बाँड पॉलिसी को वापस नहीं लेती है तो वे स्वास्थ्य सेवाएं व ओपीडी बंद कर देंगे। इसके लिए पहले ही सरकार को चेतावनी भी दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक मांग पूरी नहीं हुई।
प्रतिनिधियों के मांगे नाम
धरने पर बैठे MBBS की मांग है कि सरकार उनसे बातचीत करके बाँड पॉलिसी को वापस ले। इसको लेकर अभी तक स्टूडेंट के प्रतिनिधिमंडल के 10 लोगों के नाम मांगे गए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस प्रतिनिधिमंडल से सरकार की बात करवाई जाएगी। ताकि बाँड पॉलिसी को लेकर चर्चा की जा सके।
बाँड पॉलिसी स्टूडेंट्स को पढ़ाई से करेगी वंचित
MBBS स्टूडेंट ने कहा कि वे मेरिट लेकर आए हैं। पढ़ाई के लिए दिन-रात एक की। जिसके बाद उन्हें अच्छे अंक हासिल किया। मेरिट के आधार पर उन्होंने सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया था। लेकिन अब उन पर बाँड पॉलिसी को लेकर 40 लाख रुपए का बोझ डाल दिया है। जिसे किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जा सकता। क्योंकि काफी छात्र ऐसे हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और यह बाँड की राशि नहीं दे सकते। इसलिए उन्हें पढ़ाई से वंचित ही रहना पड़ेगा।
लगातार मिल रहा समर्थन
धरने पर बैठे MBBS स्टूडेंट को लगातार समर्थन मिल रहा है। राजनीतिक दलों के साथ-साथ खापों व संगठनों ने भी समर्थन दिया है। साथ ही इस लड़ाई में साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया है। सरकार को छोड़कर अन्य विपक्षी दल के नेता स्टूडेंट्स के पास जाकर समर्थन दे रहे हैं।
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