• Hindi News
  • Local
  • Haryana
  • Rohtak
  • Rohtak News; PGIMS Dr. Arup Thesis Got Best PG Award, TB Patients Suffer From Social Stigma, Anxiety And Depression Even After Being Healthy

रोहतक PGI के डॉक्टर की थीसिस को PG पुरस्कार:टीबी के मरीजों पर किया रिसर्च, बोले- मरीज ठीक होकर भी झेलते हैं परेशानी

रोहतक6 महीने पहले
  • कॉपी लिंक
अपनी थीसिस के साथ डा. अरुप साहा - Dainik Bhaskar
अपनी थीसिस के साथ डा. अरुप साहा

हरियाणा के रोहतक स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (PGIMS) के सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वितीय यूनिट हैड प्रोफेसर डॉ. बीएम वशिष्ठ के मार्गदर्शन में डॉ. अरूप साहा जूनियर रेजिडेंट (तृतीय वर्ष) द्वारा की गई थीसिस ने सर्वश्रेष्ठ पीजी थीसिस पुरस्कार जीता। जिसमें टीबी मरीजों पर शोथ किया गया था।

डॉ. बीएम वशिष्ठ ने कहा कि नॉर्थ जान इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (NZ-IAPSM) सम्मेलन 2022 का आयोजन समुदाय और परिवार चिकित्सा विभाग, एम्स बठिंडा द्वारा 10 और 11 दिसंबर को किया गया था। सम्मेलन का विषय था स्वास्थ्य कार्यक्रम से मिशन तक।

320 टीबी रोगियों की हुई जांच
डॉ. बीएम वशिष्ठ ने बताया कि थीसिस का विषय "स्वास्थ्य से संबंधित जीवन की गुणवत्ता, चिंता, अवसाद और सामाजिक कलंक के लिए उपचार की स्क्रीनिंग पूर्ण तपेदिक उत्तरजीवी" है। इस अध्ययन के एक भाग के रूप में कुल 320 टीबी रोगियों की जांच की गई। यह पता चला कि उपचार पूरा होने के बाद भी टीबी से बचे लोगों के जीवन की गुणवत्ता लगातार कम हो सकती है। वे चिंता और अवसाद से भी पीड़ित हो सकते हैं। एक बार टीबी रोगी होने का सामाजिक कलंक लंबे समय तक रह सकता है।

क्विज में पाया दूसरा स्थान
भारत 2025 तक राष्ट्रीय रणनीतिक योजना के एक भाग के रूप में टीबी उन्मूलन की ओर बढ़ रहा है। ये अध्ययन निष्कर्ष उन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। डॉ. बीएम वशिष्ठ ने बताया कि सम्मेलन के दौरान आयोजित पीजी क्विज में डॉ. अरूप साहा और डॉ. श्रवण कुमार (द्वितीय वर्ष पीजी) की टीम ने दूसरा स्थान हासिल किया। कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना ने बधाई दी।