हरियाणा के रोहतक के BDPO कार्यालय पर तालाबंदी के दौरान सरपंच और पुलिस में टकराव हो गया। सरपंच बीडीपीओ कार्यालय पर ताला लगाने का प्रयास कर रहे थे। वहीं पुलिस उन्हें ताला लगाने से रोकने पहुंच गई। पुलिस ने इसके बाद बल प्रयोग करते हुए सरपंचों को खदेड़ कर ताला खुलवा दिया।
पहले से तैनात थी पुलिस
सरपंच ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे हैं। सरपंचों ने सोमवार को भी बीडीपीओ कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन करके तालाबंदी कर दी थी। वहीं मंगलवार को भी तालाबंदी करने की आशंका के चलते बीडीपीओ कार्यालय पर नायब तहसीलदार बंसीलाल के नेतृत्व में भारी पुलिसबल तैनात था।
पुलिस-सरपंचों की धक्का-मुक्की
जैसे ही सरपंच बीडीपीओ कार्यालय पर तालाबंदी के लिए चले तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस व सरपंचों में जमकर धक्का-मुक्की हुई। वहीं कलानौर व सांपला खंड में बीडीपीओ कार्यालय पर भी सरपंचों ने तालाबंदी का प्रयास किया। जहां पुलिस के साथ नोकझोंक हुई।
अमित शाह की रैली का भी करेंगे विरोध
सरपंचों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती। तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। ब्लॉक पर तालाबंदी करेंगे और ना ही वे अपने काम करेंगे। यहां तक कि अन्य को काम नहीं करने देंगे। 29 जनवरी को गोहाना में अमित शाह की रैली का भी विरोध करेंगे।
सरकार ठेका प्रथा को दे रही बढ़ावा
उन्होंने कहा कि सरपंचों को गांव के विकास के लिए पूर्ण अधिकार दिए जाए। यह सरकार ठेकेप्रथा को बढ़ावा दे रही है। हरियाणा में पहले ही पंचायत चुनाव 2 साल की देरी से हुए हैं और अभी तक किसी भी गांव में विकास कार्य सुचारू रूप से शुरू नहीं हुए हैं। ठेकेदारों ने घटिया किस्म का मैटीरियल इस्तेमाल किया है। सरकार ठेकेदारों से कमीशन ले रही है, इसलिए अधिकारियों और ठेकेदारों को फायदा दे रही रही।
ई-टेंडरिंग से विकास कार्यों में परेशानी
उन्होंने कहा कि सरपंच सरकार की ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल स्कीम को लेकर सरकार के खिलाफ अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हैं। विरोध कर रहे सरपंचों का कहा कि ई-टेंडरिंग से गांव के विकास कार्यों में परेशानी होगी। इससे गांव के विकास कार्य समय पर नहीं हो सकेंगे। ई-टेंडरिंग व्यवस्था से गांव के विकास कार्यों में तेजी नहीं आ पाएगी, ठेकेदार अच्छे से काम नहीं करा पाएंगे।
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