हरियाणा के रोहतक जिले में झज्जर चुंगी स्थित शीतल नगर की बाग वाली गली में शुक्रवार को दिन दिहाड़े घर में घुसकर पहलवान, उसकी पत्नी और सास की हत्या की गई थी। शनिवार को तीनों शवों का पोस्टमार्टम हो गया। उसके बाद एक ही अर्थी पर पति-पत्नी और दूसरी पर सास का अंतिम संस्कार कर दिया गया। वहीं सिर में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हुई तमन्ना को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में शुक्रवार देर रात ले गए थे। जहां कुछ घंटे इलाज के बाद डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। जिसके बाद परिजन नेहा को वापस रोहतक पीजीआई ले पहुंचे, जहां वह वेंटिलेटर पर सांसे ले रही है।
दूसरी ओर, कहा जा रहा है कि मृतक के परिवार में से किसी का दोस्त वारदात के बाद से फरार है और वह एक होटल में रुका हुआ था। उधर, मामले को सुलझाने के पुलिस काफी नजदीक पहुंच चुकी है। पुलिस ने वारदात वाले बंद कमरों की लापता चाबियों को बरामद कर लिया है। पुलिस कई संदिग्धों से लगातार पूछताछ कर रही है।
हत्यारों को पकड़ने व पूरे मामले का पर्दाफाश करने के लिए एसपी राहुल शर्मा के आदेशानुसार तीन डीएसपी (डीएसपी मुख्यालय गोरखपाल राणा, डीएसपी सदर सज्जन सिंह व डीएसपी महेश कुमार) के नेतृत्व में 5 विशेष टीमें कार्रवाई कर रही हैं। इन पांच टीमों में सीआईए वन टीम इंस्पेक्टर प्रवीन कुमार के नेतृत्व में, सीआईए टू टीम एसआई नरेश कुमार के नेतृत्व में, शिवाजी कॉलोनी थाना पुलिस एडिशनल थाना प्रभारी एसआई सुरेश के नेतृत्व में, साइबर थाना पुलिस व जनता कॉलोनी चौकी पुलिस शामिल है। पूरे मामले की पल-पल की रिपोर्ट एडीजीपी संदीप खिरवार तलब कर रहे हैं।
तीनों शवों के हुए पोस्टमार्टम
शनिवार सुबह से ही तीनों शवों के पोस्टमार्टम प्रक्रिया पीजीआई शव गृह में चल रही थी। जिनका पोस्टमार्टम दोपहर करीब 1:30 बजे के बाद पूरा हुआ। पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के हवाले कर दिया गया।
मृतक के परिवार में से किसी का दोस्त, हत्याओं के बाद फरार
पुलिस जांच में यह सामने आया कि मृतक बबलू पहलवान के परिवार में से किसी का कोई दोस्त तीन दिन से दिल्ली बाइपास स्थित एक होटल में रुका हुआ था। इस पॉइंट पर काम करती हुई पुलिस ने उक्त होटल में दबिश दी तो पता लगा कि वह दोस्त हत्याकांड के तुरंत बाद चेकआउट करके फरार हो गया। पुलिस जांच में सामने आया कि वह उत्तराखंड का रहने वाला था व बबलू पहलवान के परिवार में से ही किसी का दोस्त था। पुलिस होटल के सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है।
अखाड़ा हत्याकांड की तर्ज पर बदमाशों ने मारी सभी के सिर में गोली
बता दें कि फरवरी माह में जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड में बच्चे समेत 6 लोगों के सिर में गोली मारकर हत्या की गई थी। उक्त मामले में एक ही हत्यारा था। ठीक इसी हत्याकांड की तर्ज पर बदमाशों ने बबलू पहलवान के घर पर वारदात को अंजाम दिया। बदमाशों ने परिवार के चारों सदस्यों के सिर में ही गोली मारी है।
ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई थीं घुसते ही
वारदात शुक्रवार दोपहर करीब 3:45 बजे अंजाम दी गई थी। शीतल नगर बाग वाली कॉलोनी में प्रदीप मलिक उर्फ बबलू पहलवान का घर है। हथियारों से लैस बदमाश घर में घुसे और प्रदीप, उसकी पत्नी, सास व बेटी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। गोलीबारी में पेशे से प्रॉपर्टी डीलर प्रदीप (45), उसकी पत्नी बबली (40) व सास रोशनी (60) की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि बेटी तमन्ना (17) के सिर में गोली लगी है और वह गंभीर रूप से घायल है।
नंबर के आधार पर सफेद स्विफ्ट की तलाश शुरू
झज्जर चुंगी स्थित सितमगर की बाघ वाली गली में हुई वारदात के मामले में एक बड़ा सुबूत पुलिस के हाथ लग सकता है। पुलिस व परिजनों की छानबीन और पड़ताल में सोनीपत नंबर की सफेद स्विफ्ट कार सामने आई है। पुलिस नंबर के आधार पर इसकी तलाश में जुट गई है। वहीं मामले की शिकायत पुलिस को मृतक बबलू के सांपला निवासी साले प्रवीण ने दी है। उसने बबलू के नजदीकियों पर ही संदेह जताया है।
संदिग्ध गाड़ी ने काफी दूर तक किया मेरा पीछा : शिकायतकर्ता
शिकायतकर्ता बबलू के साले सांपला निवासी प्रवीन ने बताया कि जब उसे वारदात की सूचना मिली तो वह तुरंत ही घर से रोहतक के लिए निकल पड़ा। रास्ते में एक संदिग्ध वेरना गाड़ी सवारों ने काफी दूर तक उसका पीछा किया। वह बहुत तेज गति से गाड़ी चलाता हुआ रोहतक घटनास्थल पहुंचा।
चारों को सिर में लगी है एक-एक गोली, मौके से मिले पांच खोल
पुलिस व एफएसएल की संयुक्त जांच के दौरान टीम को ऊपर वाले कमरे से दो खोल मिले और नीचे के कमरे से तीन खोल बरामद हुए हैं। नीचे वाले कमरे में बबलू बेड पर लेटा था और मोबाइल फोन पर किसी से बात कर रहा था। जब उसे गोली मारी गई तो उसका फोन कान और कंधे के बीच में ही लगा रह गया। दोनों कमरों में वारदात को अंजाम देकर बदमाश कमरे लॉक करके चाबी साथ ले गए थे।
बबलू के बेटे मोनू ने यह बताई कहानी
मैं अपने दोस्तों के साथ एक होटल में खाना खाने गया था। दोपहर 2 बजे के बाद में घर लौटा तो मेन गेट बिना कुंडी लगाए बंद था। मैं नीचे के कमरे में गया तो दरवाजा बंद था। ऊपर कमरे में गया तो वहां भी कमरे का दरवाजा बंद मिला। दोनों दरवाजे खूब जोर-जोर से खटखटाए। मम्मी-पापा सहित घर के अन्य नंबरों पर फोन भी लगाया, मगर कोई जवाब नहीं मिला। मेरे मन में डर पैदा हो गया तो मैंने अपने सांपला निवासी मामा को फोन मिलाया और पूरी बात बताई। मामा ने दरवाजा तोड़ने की सलाह दी। मैंने किसी तरह दरवाजे का लॉक तोड़ा तो अंदर खून से लथपथ अपने परिजनों को देख पैरों तले की जमीन खिसक गई। मेरी बहन बहुत जोर-जोर से सांस ले रही थी। उसे तुरंत पीजीआई भिजवाया। मैंने रोते-रोते मामा को फिर से फोन कर सारी बात बताई।
- मोनू, (बबलू का बेटा) ने जैसा पुलिस को बताया
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