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आमजन की सहूलियतों और जरूरतों से जुड़े 4 प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं। जबकि नगर निगम की सामान्य बैठक में सर्वसम्मति से पास होने के बाद इन पर चरणबद्ध काम किए जाने का संकल्प शहर की सरकार की ओर से लिया गया था। लेकिन वर्षों बाद मौके के हालात बदतर हैं। जहां नगर निगम बनने के बाद पहली बैठक में पास हुआ सुनारिया गांव में स्टेडियम आज तक नहीं बन पाया।
वहीं पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा द्वारा शिलान्यास किए जाने के बाद भी बोहर गांव में प्रस्तावित रवींद्रनाथ टैगोर ऑडिटोरियम की अब निगम में चर्चा तक नहीं है। इसी क्रम में पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर की ओर से कभी शहरवासियों के लिए खास बताया जा रहा अप्पू घर पर फूड प्लाजा प्रोजेक्ट आज भी अधूरा है।
साथ ही 84 गांवों के निवासियों की आस्था का केंद्र श्री शीतला माता मंदिर के प्राचीन सरोवर का सौंदर्यीकरण का काम भी अधूरा पड़ा है। आज इस सरोवर को बिल्डिंग के मलबों से पाटा जा रहा है। अवैध कब्जे हो रहे हैं। लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सुनारिया गांव में स्टेडियम
नगर निगम बनने के बाद पहली नवंबर 2013 में पहली सामान्य बैठक में वार्ड-20 की पार्षद लक्ष्मी देवी ने सुनारिया गांव में स्टेडियम बनाने का मुद्दा उठाया था। इस पर समर्थन करते हुए सदन ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी भी दे दी। निगम के अधिकारियों के मुताबिक स्टेडियम निर्माण के मद में लगभग 137 करोड़ रुपए की धनराशि नगर निगम के खाते में आ भी गई थी। लेकिन आज तक इस प्रोजेक्ट की शुरूआत भी नहीं हो पाई। फिलहाल नगर निगम की जिस 9 एकड़ जमीन पर स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव था। आज उस पर अवैध कब्जाधारकों की फसल लहलहा रही है।
ऐसा क्यों इसे जानें
कहीं प्रदेश की सरकार बदलने का दिख रहा असर तो कहीं कोरोना महामारी की आड़ लेकर अधिकारी छिपा रहे अपनी कमी
श्री शीतला माता मंदिर प्राचीन सरोवर : वर्ष 2016 में डी प्लान के तहत माता दरवाजा चौक स्थित श्री शीतला माता मंदिर के प्राचीन सरोवर के सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू हुआ। पैमाइश करवाकर अवैध कब्जे छुड़वाकर सरोवर की चारदीवारी कराई गई। ग्रिल लगी और दो सबमर्सिबल पंप लगाए गए। साथ ही सरोवर के मुख्य द्वार की सीढ़ियां बनी। लेकिन इसके बाद से कार्य अधूरा पड़ा है।
गत वर्षों में मुख्यमंत्री घोषणा के 35 लाख रुपए इस सरोवर को विकसित करने पर खर्च होने थे। लेकिन उनका अभी तक कुछ पता नहीं है। ऊपर से सरोवर की चारदीवारी तोड़कर लोगों ने उसमें बिल्डिंग का मलबा डालना शुरू कर दिया है। एक तिहाई सरोवर को मलबे से पाट दिया गया है। आसपास के लोग वहां अपने वाहन खड़े करते हैं।
छोटूराम चौक के सामने अप्पू घर पर फूड प्लाजा
वर्ष 2016-17 में दिल्ली रोड छोटूराम चौक के सामने अप्पू घर पर फूड प्लाजा निर्माण की कार्य योजना बनाई गई। इस मद का बजट आने के बाद भी देरी से काम शुरू हुआ। क्योंकि इसकी डिजाइन कई बार बदलती रही। यहां पर शॉपिंग काम्प्लेक्स, वाहन पार्किंग और तालाब के चारों तरफ 30 फूड कोर्ट बनने हैं। इसके लिए 6.85 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है। इस प्रोजेक्ट के चालू होने के बाद तालाब के गंदे पानी को ट्रीट करके साफ रखा जाएगा। लेकिन इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य भी आज तक अधूरा है।
बोहर गांव में रवींद्रनाथ टैगोर ऑडीटोरियम
नगर निगम के वार्ड-9 स्थित बोहर गांव में लगभग 376 करोड़ रुपए की लागत से रविंद्र नाथ टैगोर ऑडिटोरियम के निर्माण का प्रपोजल तैयार किया था। मकसद शहरवासियों को अत्याधुनिक संसाधनों व तकनीकों से युक्त सभागार की सौगात देने की रही।
इस प्रोजेक्ट पर केंद्र व प्रदेश सरकार को बराबर पैसे खर्चे करने थे। गत वर्ष 2014 पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने शिलान्यास भी कर दिया। इसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से अपने हिस्से का बजट स्वीकृत भी कर दिए गए थे। लेकिन आज तक इस प्रोजेक्ट की फाइल धूल फांक रही है।
सीएम एनाउंसमेंट के 10 करोड़ मिलने पर पूरे होंगे
अप्पू घर पर निर्माणाधीन फूड प्लाजा और श्री शीतला माता मंदिर सरोवर के सौंदर्यीकरण की स्कीम बना दी गई थी। पहले कोरोना महामारी की वजह से व्यवधान पैदा हुआ। सीएम घोषणा के 10 करोड़ रुपए आने थे। लेकिन अभी तक यह धनराशि मिली नहीं है। बजट उपलब्ध होते ही प्रोजेक्ट पूरे होंगे। सरोवर को भी पूरा बनाया जाएगा। सुनारिया गांव में स्टेडियम व रवींद्र टैगोर ऑडिटोरियम के प्रोजेक्ट के बारे में संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर कार्रवाई की जाएगी।
-प्रदीप गोदारा, कमिश्नर नगर निगम।
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