कोरोनाकाल में विद्यार्थियों की शिक्षा पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। गत एक जून से शिक्षकों के लिए तो स्कूल खुल गए थे, लेकिन विद्यार्थियों के लिए बंद थे। आखिर अब 85 दिन बाद 16 जुलाई से कक्षा 9 से 12वीं के लिए स्कूल खुल जाएंगे। इन कक्षाओं के विद्यार्थी अपनी कक्षा में शिक्षक के सामने बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे।
इस बार बच्चों को माता-पिता की लिखित अनुमति ही लेकर आनी होगी। सबसे जरूरी है कि इस बार बच्चों की हाजिरी से लेकर उनका पूरा रिकॉर्ड तापमान सहित अवसर एप पर ही मेंटेन करना होगा। किसी बच्चे में कोविड के लक्षण दिखते हैं तो वह भी एप पर ही रिपोर्ट देनी होगी। स्कूलों में सुबह 9 से 12 बजे तक कक्षाएं लगेंगी। बता दें कि कक्षा 6 से 8वीं तक के स्कूल भी 23 जुलाई से खुल जाएंगे।
स्कूलों में तैयारी
जिले के स्कूलों में फिलहाल तैयारियां चल रही हैं। स्कूलों में बच्चों के बैठने के कमरों से लेकर बरामदे व हॉल की साफ-सफाई कराई जा रही है। कमरों को सेनिटाइज भी कराया जा रहा है। बच्चों की क्षमता अनुसार सीटिंग प्लान भी तैयार किया जा रहा है।
जिले में कुछ सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऐसे भी हैं, जिनमें बच्चों की संख्या ज्यादा है। वहां रोस्टर से ही बच्चों को बैठाने की व्यवस्था के लिए चुनौति रहेगी। इधर, कुछ स्कूलों के मुखियाओं ने भी स्टाफ के साथ बैठक कर पूरी प्लानिंग भी बनानी शुरू कर दी है।
निर्देश जिनकी पालना जरूरी
अभिभावक अभी बच्चों को भेजने में हां और ना की असमंजस में
जिले में बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभी अभिभावक हां और ना की असमंजस में फंसे हैं। कुछ अभिभावकों का कहना है कि तीसरी लहर जो आनी बाकी है, उसे देख लेते हैं, तब ही बच्चों को स्कूल भेजेंगे। जबकि बहुतों का कहना है कि लंबे समय से ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। ऐसे में बच्चों की आंखों पर भी असर पड़ा है। इसलिए अब पूरी सावधानी से ऑफलाइन ही पढ़ाई होनी चाहिए।
कक्षाओं को लेकर स्कूल मुखियाओं को दिए दिशा-निर्देश : डिप्टी डीईओ
जिस स्कूल में बैठने की जितनी क्षमता है, उसी अनुसार ही स्कूल हैड बच्चे बुलाएंगे। ताकि सोशल डिस्टेंस मेंटेन रहे। बच्चे एक-दूसरे से कुछ भी चीज शेयर नहीं करेंगे। अन्य व्यवस्था को लेकर भी दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। अभी 9 से 12 के ही बच्चे आएंगे और 23 जुलाई से 6 से 8वीं के स्कूल भी खुल जाएंगे। -डॉ. खुशीराम, डिप्टी डीईओ, रेवाड़ी
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