हरियाणा के नारनौल शहर की जेल में बंद कैदियों को परेशान करके उनसे मोटी रकम वसूलने का खेल चल रहा है। इसमें जेल वाॅर्डर से लेकर बड़े अधिकारी तक शामिल बताए जा रहे हैं। विजिलेंस ब्यूरो ने इसी जेल में बंद गैंगस्टर पपला गुर्जर के गुर्गे संदीप से 1 लाख रुपए लेते हुए जेल वाॅर्डर राजन को दबोचने के बाद वाॅर्डर गजे सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट और दो अन्य जेल वॉर्डरों के नाम भी सामने आ रहे हैं।
गुरुग्राम विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने नारनौल की नसीबपुर जेल के वॉर्डर राजन को गुरुवार दोपहर को 1 लाख रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उसने यह रकम जेल में बंद हरियाणा और राजस्थान के नामी गैंगस्टर पपला गुर्जर के खास गुर्गे संदीप उर्फ सिंधिया के भाई हंसराज से ली। संदीप नांगल चौधरी थाने के तहत आते साधा की ढाणी गांव का रहने वाला है।
संदीप ने एक जेल वाॅर्डर के फोन से ही कॉल करके अपने भाई हंसराज को इस रकम का इंतजाम करने को कहा था। हंसराज रकम लेकर जेल पहुंचा और वहां गार्द पोस्ट के अंदर वाॅर्डर राजन को सौंप दी। विजिलेंस ब्यूरो ने उसी समय रेड मारकर राजन को रकम गिनते हुए दबोच लिया था। राजन ने पूछताछ में बताया कि जेल के ही एक अन्य वॉर्डर गजे सिंह के कहने पर उसने यह रकम ली। राजन के बाद विजिलेंस ब्यूरो ने गजे सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया।
डिप्टी सुपरिंटेंडेंट और हेड कॉन्स्टेबल का नाम आया
विजिलेंस सूत्रों के अनुसार, राजन ने पूछताछ में बताया कि वह एक लाख रुपए गजे सिंह के कहने पर लेने आया। गजे सिंह गुरुवार को सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक जेल के अंदर ड्यूटी पर था। विजिलेंस ने गजे सिंह को गिरफ्तार कर आगे पड़ताल की तो कुछ और नाम सामने आए। इनमें जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट कुलदीप और हेड कॉन्स्टेबल विवेक सिंह शामिल हैं। विजिलेंस ब्यूरो केस की जांच कर रहा है।
दरअसल जेल में पैसे लेकर अपराधियों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने और उनकी मेहमाननवाजी के किस्से तो कई बार सामने आ चुके हैं मगर जेल के अंदर कैदियों को परेशान करके जबरन वसूली का यह अपनी तरह का पहला केस है और इससे जेल महकमे में हड़कंप मचा है।
गजेसिंह ने ही संदीप की बात कराई
संदीप और उसके साथी 4 साल पहले महेन्द्रगढ़ में एक पुलिसवाले का मर्डर कर गैंगस्टर पपला गुर्जर को कोर्ट परिसर से छुड़ा ले गए थे। इसी केस में संदीप नारनौल जेल में बंद है। गुरुवार सुबह जेल वॉर्डर गजे सिंह ने अपने मोबाइल फोन से संदीप की बात उसके बड़े भाई हंसराज से कराई। संदीप ने भाई से कहा कि उसे जेल में परेशान किया जा रहा है और अगर उसने एक लाख रुपए नहीं दिए तो कुछ भी हो सकता है। इसके बाद संदीप के कहने पर हंसराज ने एक लाख रुपए का इंतजाम किया और गुरुग्राम विजिलेंस को शिकायत दे दी।
विजिलेंस टीम हंसराज के साथ नारनौल जेल पहुंची। वहां वॉर्डर राजन ने हंसराज को जेल के पास बनी गार्द पोस्ट में आने के लिए बोला। हंसराज ने वहां पहुंचकर एक लाख रुपए राजन को दे दिए। राजन 500-500 रुपए के नोट गिन ही रहा था कि विजिलेंस ने रेड कर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
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