आम लोगों के लिए यह राहत की खबर है। अब उन्हें अपने जमीनी रिकार्ड को प्राप्त करने के लिए न तो तहसील और ना ही पटवारी के चक्कर काटने पड़ेंगे। साथ ही रिकार्ड पाने की स्थिति में किसी भी सरकारी कर्मचारी को सुविधा शुल्क की रकम नहीं देनी होगी। कारण है कि हरियाणा सरकार प्रदेशभर के सभी जिलों के जमीनी रिकार्ड को अब ऑनलाईन करने जा रही है। इसके लिए वर्ष 1070 से लेकर मौजूदा समय तक के सारे जमीनी रिकार्ड को स्केन किया जा रहा है।
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर रविवार को दोपहर के समय इस पोर्टल का विधिवत रूप से शुभारंभ करेंगे। DC झज्जर श्यामलाल पूनिया के अनुसार 1070 से लेकर मौजूदा समय तक के जिले के सारे जमीनी रिकार्ड को पहले स्केन किया जाएगा और उसके बाद उसे ई-पोर्टल के तहत ऑनलाईन किया जाएगा। डीसी के अनुसार यह पोर्टल शुरू होने के बाद आमजन की समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
डीसी ने बताया कि माडर्न रेवेन्यू रिकार्ड रूम में बरसों पुराने राजस्व अभिलेखों को डिजिटाइज किया गया है और अब ये रिकॉर्ड माउस की एक क्लिक पर आसानी से उपलब्ध है। जबकि पहले इसे देखने और ट्रेस करने में काफी समय लगता था। संरक्षित रिकार्ड में कुछ तो 1870 से भी पुराने हैं। इस नई पहल के तहत, महत्वपूर्ण राजस्व रिकॉर्ड और दस्तावेजों को स्कैन, सूचीबद्ध किया गया है और आधुनिक रिकॉर्ड रूम स्थित बॉक्स में व्यवस्थित ढंग से रखा गया है।
डीसी श्याम लाल पूनिया ने बताया कि झज्जर में रेवेन्यू के पुराने रिकार्ड की 50 लाख से अधिक इमेज अपलोड है। इन इमेज को राजस्व विभाग द्वारा वेरीफाइड किया गया है। उन्होंने बताया कि सुशासन की दिशा में आमजन को मिलने वाली सुविधाओं में सुधार के लिए हरियाणा सरकार का यह बड़ा कदम है। रेवेन्यु रिकार्ड के डिजिटाइजेशन से पहले मैन्युअल तरीके से लोगों को पुरानी जानकारी लेने के लिए लंबा समय लगता है लेकिन माडर्न रेवेन्यु रिकार्ड रूम से अब यह सुविधा लोगों को तत्काल मिलेगी।
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