हरियाणा के रेवाड़ी जिले में एक तरह से कोरोना की तीसरी लहर का पीक शुरू हो गया। गुरुवार को 7 माह बाद 24 घंटे के अंतराल में 100 से ज्यादा मरीज मिले। सेकेंड वेव भी 100 का आंकड़ा पार होते ही शुरू हुई थी। लेकिन राहत की बात यह है कि इस बार अस्पतालों में मारामारी नहीं है। जिले में इस समय 359 एक्टिव केस हैं और सभी घर पर आइसोलेट हैं। इनमें से सिर्फ 10 लोग ही अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं और सभी नॉन-ऑक्सीजन बेड पर हैं। 349 मरीज घर में ही आइसोलेट किए गए हैं।
शहर में 13 दिन में 239 मरीज मिले
बता दें कि गुरुवार को 24 घंटे के भीतर रेवाड़ी में 116 पॉजिटिव केस मिले। सबसे ज्यादा पॉजिटिव मरीज शहर में मिल रहे हैं। अकेले शहर में 13 दिन के अंदर 239 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। शहर के बाद ग्रामीण एरिया में अभी तक गांव मीरपुर को छोड़कर महामारी कहीं और पैर पसारती नहीं दिख रही है। मीरपुर में औसतन हर दिन 8 पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं, जिसके चलते प्रशासन ने मीरपुर में निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग की एक टीम को लगाया है। सबसे ज्यादा सैंपलिंग और वैक्सीनेशन भी मीरपुर में ही किया जा रहा है।
पीक से पहले पुख्ता इंतजाम
सेकेंड वेव ने रेवाड़ी में काफी कहर बरपाया था। उस समय स्वास्थ्य विभाग ने ऑक्सीजन, आईसीयू व सामान्य को मिलाकर निजी और सरकारी अस्पताल में सिर्फ 753 बेड का ही इंतजाम किया था। सेकेंड वेव में हालात इस कदर खराब थे कि लोगों को अस्पतालों में बेड तक नहीं मिल पा रहे थे, लेकिन इस बार लहर का पीक आने से पहले ही पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जिले के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में 41% बेड की बढ़ोतरी की गई है। बच्चों पर कोरोना के खतरे को देखते हुए पिकु और निकु वार्ड तैयार हैं।
इस बार 1281 बेड का इंतजाम
कोरोना की थर्ड वेव से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने रेवाड़ी के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को मिलाकर कुल 1281 बेड का इंतजाम किया है, जिसमें 772 ऑक्सीजन बेड, 96 वेंटिलेटर, 276 आईसीयू बेड शामिल हैं। राहत की बात यह है कि अभी सेकेंड वेव जैसे हालात नहीं हैं।
बच्चों के लिए निकु-पिकु वार्ड
तीसरी लहर में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों पर बताया गया था, जिसकी तैयारी में स्वास्थ्य विभाग ने 772 ऑक्सीजन बेड में 118 सिर्फ बच्चों के लिए रिर्जव रखे हैं। इसके साथ ही 96 वेंटिलेटर में 32 बच्चों के लिए रखे गए हैं। नागरिक अस्पताल में 11 बेड का निकु वार्ड और 21 बेड का पिकु वार्ड बनाया गया है।
3 ऑक्सीजन प्लांट चालू
दूसरी लहर के समय अस्पताल में बेड के बाद सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की कमी के चलते हाहाकार मचा था। उस वक्त शहर के एक प्राइवेट अस्पताल को छोड़कर किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट नहीं था, लेकिन इस बार कुछ प्राइवेट कंपनियों के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग ने 3 ऑक्सीजन प्लांट लगाए हैं, जिसमें सबसे बड़ा 1 हजार LPM का ऑक्सीजन प्लांट रेवाड़ी नागरिक अस्पताल, 500-500 LPM के दो प्लांट कोसली व बावल के सरकारी अस्पताल में चालू हो सकते हैं। तीनों प्लांट की क्षमता 2 हजार LPM की है। जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन पर्याप्त है।
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