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सरकार के आदेशानुसार अब विवाह समारोह, कुआं पूजन और शोक सभाएं आयोजित करने से पहले भी जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। डीसी यशेंद्र सिंह ने इसके लिए रेवाड़ी, बावल व कोसली के तीनों उपमंडल अधिकारियों (एसडीएम) को परमिशन देने के लिए अधिकृत किया है।
उन्हें पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि लोगों को आयोजनों के लिए सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही अनुमति दें। इससे पहले भी 2020 के अंत तक भी प्रशासन से अनुमति जरूरी थी, मगर केस कम हुए तो सरकार ने कुछ रियायत दी थी। अब फिर से अनुमति के बाद ही समारोह और सभाएं आयोजित की जा सकेंगे।
प्रदेश सरकार ने राज्य में सामाजिक शैक्षणिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक राजनीतिक कार्यों के बारे में दो दिन पहले ही मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपीएस) के तहत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उक्त आयोजनों, मंडल सभाओं के लिए संशोधित एसओपी के सख्त पालन के साथ अनुमति दी जाएगी।
200 व्यक्तियों की क्षमता के साथ हॉल की क्षमता का अधिकतम 50 प्रतिशत की अनुमति होगी। इनडोर स्थानों की क्षमता शहरी स्थानीय निकायों, विभाग द्वारा निर्दिष्ट की जाएगी, जो कुर्सियों, बैठने या खड़े होने की क्षमता और वर्ग गज में कवर किए गए क्षेत्र के बीच की गणना को ध्यान में रखते हुए होगी। अंतिम संस्कार में केवल 50 व्यक्तियों को अनुमति होगी। नियम नहीं मानने पर कार्रवाई होगी।
फील्ड लेवल कमेटी को देनी होगी सूचना
कोरोना को नियंत्रित करने के लिए डीसी यशेंद्र सिंह ने 3 स्तरों पर कमेटियों का गठन कर दिया है। एक कमेटी जिला स्तर पर गठित की है। रेवाड़ी, बावल व कोसली के लिए 3 उपमंडल स्तरीय कमेटियां शामिल की गई हैं। इसमें एसडीएम, डीएसपी व एक डॉक्टर को शामिल है।
वहीं हर थाना के अनुसार एक-एक फील्ड लेवल कमेटी बनाई गई है। विवाह आयोजनों की अनुमति के बाद फील्ड लेवल कमेटियों के पास भी एसडीएम कार्यालय से सूचना भेजी जाएगी, ताकि ये कमेटियां आयोजनों पर तय संख्या में लोगों के पहुंचने की निगरानी कर सकें।
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