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दिल्ली-जयपुर हाईवे संख्या-48 को खुलवाने को लेकर विरोध के स्वर उठने शुरू हुए तो आंदोलनकारियों ने भी धरना जारी रखने का ऐलान कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 13 दिसंबर से हाईवे के बीचों-बीच धरना दे रहे आंदोलनकारियों ने कहा कि किसानों ने ठान लिया है कि केंद्र सरकार जब तक 3 कृषि कानून रद्द (वापस) नहीं करती तब तक किसी भी सूरत में आंदोलन खत्म नहीं करेंगे और ना ही हाईवे से उठेंगे।
उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत के नेतृत्व वाले गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार का दमनकारी रवैया भी किसानों ने फेल कर दिया। आंदोलनकारियों के रोड पर डटे रहने के ऐलान के बावजूद पेट्रोल पंप संचालक और आसपास के ग्रामीण हाईवे खाली कराने की मांग पर अड़े हैं। इसके लिए रविवार को सुबह 11 बजे खेड़ा बॉर्डर पर महापंचायत बुलाई गई है। हाईवे खुलवाने के लिए स्थानीय लोगों का समर्थन जुटाने के लिए कमेटियां गठित की गई हैं, जो कि गांव-गांव जाकर लोगों को साथ जोड़ने के काम में जुटी है, ताकि मजबूती से बात रखी जा सके।
हाईवे खोलने की मांग, बोले- जनता परेशान, काम-धंधे ठप
ग्रामीणों और पेट्रोल पंप संचालकों ने कहा एनएच-48 बंद रहना हरियाणा और राजस्थान दोनों ही सरकारों के लिए बदनामी जैसा है। पेट्रोलियम एसोसिएशन के प्रधान अनिल उर्फ पप्पू, महासचिव शक्ति सिंह व चेयरमैन बिरेंद्र छिल्लर का कहना है बड़ी संख्या में वाहन चालक चाहते हैं कि हाईवे खुले।
42 गांव के लोग विरोध में खड़े हैं। रविवार को महापंचायत बुलाई गई है। उन्होंने कहा आंदोलनकारी सिर्फ अपना हित सोच रहे हैं, जबकि हाईवे पर लोगों का जीवनयापन निर्भर है। काम-धंधे ठप होने से आर्थिक संकट पैदा हो गया है। इसलिए आंदोलनकारियों को मानवता के नाते ही हाईवे हटकर सर्विस रोड पर धरना जारी रखना चाहिए।
आंदोलनकारियों की अपील : खेती व रोजगार बचाना है तो आंदोलन में आएं
शनिवार को आंदोलनकारी दिनभर उपवास पर रहे। सद्भावना दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ मोर्चास्थल पर सद्भावना मार्च निकाला गया। हाईवे पर किसान मोर्चा ने जनता से अपील की है कि देश में खेती-किसानी और रोजगार को बचाना है तो किसानों के इस आंदोलन और अधिकारों की लड़ाई में का हिस्सा बनें।
नहीं तो जैसे ही खेती पर संकट आएगा वैसी ही बेरोजगारी तेजी से बढ़ाना शुरू हो जाएगी। धरने के दौरान महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि सरकार सामने खड़े होने वाले आंदोलनों को कुचलना चाहती है, लेकिन हम गांधी जी के अहिंसा और सत्याग्रह के रास्ते पर चलते हुए इस क्रूर और संवेदनहीन सरकार से लड़ेंगे।
वक्ताओं ने कहा कि हरियाणा, केरल, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के किसान धरने पर पहुंच रहे हैं। सभा को राजाराम मील, कैलाश मीणा, रामकिशन अहलावत, सुमेर सिंह, केरल से उन्नी कृषणन, धर्मेंद्र, बलवान पूनिया, नरसिंह यादव, महेश सैनी, वीरेंद्र बागोरिया, अनिल सांगवान, सतीश, राम रतन, गोरी शंकर सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया। आमसभा का संचालन डॉ. संजय माधव ने किया।
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