घर से दो किलोमीटर दूर सरकारी स्कूल में 9वीं व 11वीं के अनुसूचित जाति वर्ग के 3540 विद्यार्थी को तीन माह बीत जाने के बाद भी साइकिल नहीं मिली है। मेरी साइकिल मेरी पसंद योजना के तहत विद्यार्थियों को फरवरी में मेला लगाकर साइकिल पसंद कराई थी। हैरानी की बात है कि विभाग के पास 87 लाख 61 हजार 350 रुपये का बजट वित्तीय वर्ष के अंतिम सप्ताह में 29 मार्च को जारी किया।
31 मार्च को देर रात तक सातों खंडों के बिल अप्रूवल के लिए फाइनेंस डिपार्टमेंट के पास भेजे गए। जिसमें से करीब 36 लाख रुपये की बिल ही पास हो पाए। करीब 51 लाख रुपये के बिल पास न होने से बजट खर्च नहीं हो पाया और लैप्स होकर वापस ट्रेजरी में चला गया।
बता दें कि गांव से 2 किलोमीटर दूर से सरकारी स्कूल में पढ़ने आने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों का सफर आसान करने के लिए जिला शिक्षा विभाग की ओर से बीती 17 फरवरी को शहीद भगत सिंह स्टेडियम में मेले का आयोजन करवाया गया था। जिसमें सातों खंडों में से स्कूल से 3540 अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों ने साइकिल पसंद की थी।
बजट खर्च नहीं हो पाया
शिक्षा विभाग को बीते वित्तीय वर्ष में मार्च के अंतिम सप्ताह में साइकिल मेला लगाने का अप्रूवल मिला। विद्यार्थियों की डिमांड पर विभाग ने निदेशालय से 1 करोड़ 16 लाख की डिमांड भेजी और 29 मार्च को 87 लाख 81 हजार का बजट आया। स्कूलों ने 31 मार्च को साइकिलों के बिल बनाए और बिल अप्रूवल के लिए फाइनेंस डिपार्टमेंट के पास भेजे लेकिन वित्तीय वर्ष खत्म होने से बिल अप्रूव नहीं हुए, बजट खर्च नहीं हो पाया।
नहीं बढ़ाई राशि
सरकार ने 3 साल से साइकिल के लिए राशि नहीं बढ़ाई है। लेकिन साइकिलों के दाम दोगुणा हो गए है। शिक्षा विभाग 2017-18 सत्र से 20 इंच साइकिल के 3100 व 22 इंच के 3300 रुपए दे रहा है। विद्यार्थी मेले से साइकिल अपनी पसंद की खरीद सकता है , लेकिन अतिरिक्त राशि का भुगतान निदेशालय की ओर से नहीं होगा।
साइकिल योजना के तहत निदेशालय की ओर से जारी बजट में से 31 मार्च तक ट्रेजरी में बिल पास नहीं हो पाए । जिससे 51 लाख की राशि ट्रेजरी में ही वापस जमा हो गई। निदेशालय से अब बजट की दोबारा मांग की गई है।'' -संत कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी सिरसा।
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