पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि देश में बेरोजगारी के अलावा महंगी चिकित्सा व शिक्षा चिंता के विषय हैं। हालात यह हैं कि आम आदमी अपने बच्चे को अच्छे स्कूलों में पढ़ाने की सोच नहीं सकता। ऐसे में आमजन के लिए शिक्षा और चिकित्सा के बेहतर प्रबंध करने की जरूरत है। वह शुक्रवार को शहर में पानीपत रोड स्थित एक निजी गार्डन में सोनीपत, जींद और पानीपत जिले के सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि आजादी से पहले भी भ्रष्टाचार और बेरोजगारी की बड़ी समस्या थी, जो आज भी बरकरार है। देश से गरीबी और बेरोजगारी को जड़ से उखाड़ने के लिए जमीनी स्तर पर काम होने चाहिएं। उनके अनुसार प्रदेश में कुछ निजी स्कूल ऐसे हैं, जहां गरीब व्यक्ति अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने, बेरोजगारी खत्म करने, शिक्षा और चिकित्सा में असमानता हटाने के बारे में सोचना होगा। इस मौके पर सम्मेलन के संयोजक प्रदीप चहल, सिकंदर गंगाना, एडवोकेट इंद्र सिंह सहरावत, सुरेंद्र रुखी, मंजीत मलिक, बबलू मलिक, रामबिलास चहल, सुमेर चहल, राममेहर राठी आदि मौजूद रहे।
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