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राजकीय महिला कॉलेज में कंडम भवन में ही कक्षाएं लग रही हैं। बीते दिनों कंडम भवन कि छत से मलबा गिरना शुरू हो गया। मलबा छुट्टी होने के बाद गिरने से बड़ा हादसा होने से टल गया। छात्राओं ने काॅलेज अधिकारियों से कमरें की वैकल्पिक व्यवस्था करने कि मांग की है।
पीडब्ल्यूडी ने कॉलेज के 40 कमरे कंडम घोषित किए हुए हैं, जिसके चलते इन कमरों में कक्षाएं लगाना सुरक्षित नहीं है। कॉलेज प्रशासन ने कंडम भवन के स्थान पर नया भवन तैयार करने के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की है। कॉलेज में अब करीब 40 कमरे ही ठीक हालत में हैं। इनमें से भी करीब 28 कमरों की मरम्मत होनी है। कॉलेज की इमारत करीब 40 वर्ष पुरानी है। अधिक पुरानी होने के चलते कमरों की छत से मलबा नीचे गिर जाता है।
70 कमरों की है आवश्कता
कॉलेज में व्यवस्थित ढंग से कक्षाएं लगाने के लिए करीब 70 कमरों की आवश्यकता है। कक्षाएं लगाने के लिए जरूरत के अनुसार कमरे नहीं हैं। कमरों की कमी के चलते छात्राओं को असुविधाएं हो रही हैं।
2 माह में पूरा होगा महिला विंग का मरम्मत कार्य
महिला कॉलेज की महिला विंग के भवन की मरम्मत के लिए करीब दो वर्ष पहले 20 लाख रुपए का बजट जारी किया था। पीडब्ल्यूडी ऩे काॅलेज के भवन का मरम्मत कार्य कुछ दिन पहले ही शुरू किया है। मरम्मत कार्य दो महीने में पूरा होगा। मरम्मत कार्य पूरा होने तक कालेज में कमरों कि कमी बनी रहेगी ।
जल्द शुरू कराया जाएगा कॉलेज में नए भवन का निर्माण : प्राचार्य
^पीडब्ल्यूडी ने कॉलेज में 40 कमरों को कंडम घोषित किया है। कमरों की कमी के कारण ही कमरों में कक्षाएं लगाई जा रही थी । मलबा गिरने के बाद शिक्षकों को इन कमरों में कक्षाएं नहीं लगाने के निर्देश दिए हैं। इन कमरों को जल्दी ही गिरा दिया जाएगा। कॉलेज में नया भवन तैयार करने की प्रक्रिया जल्दी ही शुरू कर दी जाएगी।
-दिनेश साहरन, प्राचार्य, राजकीय महिला कॉलेज, गोहाना।
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