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हरियाणा में हॉकी के वर्चस्व को लेकर खींचतान अब उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अव्यवस्था एवं खिलाड़ियों से पैसे मांगने के विवाद के बाद अब हॉकी हरियाणा के उपाध्यक्ष सुनील मलिक ने खुलकर संदीप सिंह पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि खेल मंत्री हॉकी हरियाणा के अध्यक्ष बनना चाहते थे, लेकिन नियमानुसार ऐसा संभव ही नहीं था। जिसके बाद से वे हॉकी को समर्थन देने के बजाए नुकसान पहुंचा रहे हैं।
बार-बार अपील के बावजूद मैदान उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं। हॉकी हरियाणा पर प्रशासक लगाया जा रहा है। इस मामले में हॉकी इंडिया को भी पत्र लिखा है। राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन नरवाना में 17 से 28 मार्च तक करवाना प्रस्तावित है।
इस मुद्दे पर भारतीय टीम के पूर्व सहायक कोच संदीप सांगवान, हिसार में हॉकी कोच आजाद सिंह एवं कुलदीप सिवाच ने भी सरकार से सकारात्मक भूमिका निभाने की अपील की है। यह मामला हॉकी इंडिया से लेकर भारतीय ओलंपिक संघ तक पहुंच गया है।
जिसका बड़ा असर हरियाणा को मिली नेशनल जूनियर चैंपियनशिप की मेजबानी पर पड़ता हुआ नजर आ रहा है। हॉकी हरियाणा को नेशनल के लिए अब तक मैदान नहीं मिल सका है, जिसका दोष अब प्रदेश के खेल मंत्री एवं हॉकी में ओलंपियन संदीप सिंह को दिया जा है।
भारतीय ओलिंपिक संघ के प्रधान भी बोले- खेल मंत्री का नकारात्मक और असहयोगात्मक रवैया हॉकी के लिए सही नहीं
एस्ट्रो टर्फ नहीं मिलने का खामियाजा भुगत रहे राज्य के खिलाड़ी : समय पर एस्ट्रो टर्फ नहीं मिलने का खामियाजा प्रदेश के हॉकी खिलाड़ी उठा रहे हैँ। क्योंकि मौजूदा स्टेट हॉकी चैँपियनशिप ऐसे मैदान पर हो रही है जहां गोल पोस्ट के पास धूल उड़ती रहती है और मैदान जगह-जगह से असमतल है, जिस कारण गेंद पर नियंत्रण में दिक्कतें हैं, हमेशा चोट लगने की आशंका रहती है।
ओलिंपिक संघ के प्रधान ने भास्कर की खबर को किया टैग
भारतीय ओलंपिक संघ के प्रधान नरेन्द्र बत्रा ने भी हॉकी के हालात पर निराशा जताई। दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर को टैग करते सोशल मीडिया पर लिखा कि खेल मंत्रालय का नकारात्मक और असहयोगात्मक रवैया हॉकी के लिए अच्छा नहीं है। बेहतर होगा कि हॉकी की गतिविधियों को जारी रखने के लिए हॉकी हरियाणा पंजाब और दिल्ली राज्यों के साथ बातचीत शुरू करें।
जानिए कब क्या हुआ
हालात निराशाजनक है,बावजूद इसके विवाद निपटाने के लिए अंतिम कोशिश के रूप में खेल मंत्री से लेकर सीएम से भी अपील की जाएगी,अगर मैदान उपलब्ध नहीं हुआ तो दिल्ली अथवा पंजाब में राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन होगा। -सुनील मलिक, उपाध्यक्ष, हॉकी हरियाणा।
सीधी बात संदीप सिंह, खेल मंत्री
Q. आरोप है कि आप हरियाणा हॉकी संघ के अध्यक्ष बनना चाहते थे? A. मुझे यह बताएं कि मंत्री बड़ा होता है या अध्यक्ष। जब मैं मंत्री हूं तो अध्यक्ष क्यों बनना चाहूंगा।
Q. क्या आप एस्ट्राे टर्फ की मंजूरी नहीं दे रहें हैं? A. मैं खिलाड़ियों के लिए हमेशा खड़ा हूं। मुझे एस्ट्रो टर्फ की मंजूरी देने में कोई दिक्कत नहीं है। परंतु वे पहले आश्वासन दें कि ईवेंट में खिलाड़ियों को पूरी सुविधा देंगे।
Q. आप किस प्रकार की सुविधा की बात कर रहें हैं? A. अभी कुछ समय पहले सीनियर स्टेट हुई थी। महिला खिलाड़ियों के लिए बाथरूम के दरवाजे तक नहीं थे। खिलाड़ी फर्श पर गद्दे बिछाकर सोए। अभी नेशनल कराएंगे तो देश भर से खिलाड़ी आएंगे। क्या ऐसी सुविधा से प्रदेश की छवि खराब नहीं होगी।
Q. उपाध्यक्ष कह रहें हैं कि मैदान नहीं मिला तो दिल्ली में प्रतियोगिता कराएंगे। A. कहीं भी प्रतियोगिता करा सकते हैं। परंतु मैं खिलाड़ियों के साथ खड़ा हूं। उन्हें हर सुविधा मिलनी चाहिए।
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