हरियाणा के NCR में आने वाले 14 जिलों में करीब 6 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन खतरे में है। इन वाहनों के मालिकों के पास 3 महीने का ही समय है। या तो पुराने वाहनों को NCR के बाहर बेच दें या शिफ्ट करा लें। NCR में चलते मिलने पर जांच टीमें जब्त कर लेंगी। पुराने वाहनों से बढ़ते पॉल्यूशन को देखते हुए यह सख्ती की जा रही है।
हरियाणा परिवहन आयुक्त ने पत्र क्रमांक 1119/11/105/2022/5942/1/6/DT. 2/12/21 के तहत जारी आदेशों में कहा है कि 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को NCR से वि-पंजीकृत भी कर दिया गया है। इससे पहले कि ई-परिवहन पोर्टल पर इस प्रकार के वाहनों के स्वतः डि-रजिस्ट्रेशन (वि-पंजीकरण) हो जाए, इससे पहले ही इनके मालिक चौकन्ना हो जाएं।
ये हैं आदेश
परिवहन विभाग ने कहा है कि जिन लोगों के पास NCR में ऐसे वाहन हैं, उन्हें 3 मार्च, 2022 से पहले बेचकर अथवा बाहरी जिलों में ट्रांसफर करवा कर शिफ्ट कर लें। उनके पास ऐसा करने के लिए 3 दिसंबर से 3 मार्च तक का मौका है। इसके बाद वाहन स्वतः वि-पंजीकरण हो जाएंगे। वाहन मालिक इन वाहनों को हस्तांतरित करने/बेचने के योग्य नहीं होंगे और ये स्क्रैप हो जाएंगे।
आदेशों में कहा गया है कि 3 मार्च के बाद किसी भी स्थिति में इस प्रकार के पुराने वाहनों को NCR में चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि इन्हें चलाते पकड़े जाते हैं तो इन वाहनों को चेकिंग टीमें सीधे जब्त कर लिया जाएगा।
दो पहिया वाहन ज्यादा
असल में 2 साल में जहां बड़ी संख्या में वाहन शिफ्ट हुए हैं, वहीं इतनी ही संख्या में दूसरे वाहन उम्र बढ़ने से इस श्रेणी में आ गए है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या दो पहिया वाहनों की है। चार पहिया और सामान ढोने वाले बड़े वाहनों पर भी आदेशों का असर पड़ने वाला है।
इन जिलों के वाहनों पर असर
पुराने वाहनों के डि-रजिस्ट्रेशन का खतरा 14 जिलों में है। इनमें सोनीपत, पानीपत, करनाल, जींद, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद, भिवानी, चरखी दादरी, मेवात, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी शामिल हैं।
8 जिलों में ही चला सकेंगे
NCR क्षेत्र में जिन वाहनों को चलाने पर प्रतिबंध है, उनको हरियाणा में 8 जिलों में ही चला सकते हैं। पंचकूला, यमुननागर, कुरुक्षेत्र, हिसार, सिरसा, अंबाला, फतेहाबाद और कैथल वे जिले हैं, जहां पुराने वाहनों के चलाने पर सुप्रीम कोर्ट या एनजीटी के आदेश लागू नहीं होते।
आदेश पहले भी, लेकिन अब अंतिम चेतावनी
NCR में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल के वाहनों के चलन पर रोक का यह कोई पहला आदेश नहीं है। लेकिन जिस प्रकार की चेतावनी परिवहन आयुक्त की ओर से दी गई है, इसको अंतिम जरुर माना जा सकता है। वर्ष 2015 से हर साल लगातार सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों का हवाला देकर सरकार की ओर से निर्देश जारी होते रहे हैं।
पुराने वाहनों से बिगड़ा वातावरण
दरअसल राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली और उससे लगते हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इलाकों में स्मॉग और एयर पॉल्यूशन की वजह से हालात बेहद खराब हो चुके हैं। माना जा रहा है डीजल और पेट्रोल के पुराने वाहनों से फैल रहे जहरीले धुएं से हालात बिगड़ रहे हैं। वर्ष 2015 से ही पुराने वाहनों का चलन सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निशाने पर है। सर्दियों में तो हवा खराब होने से सांस लेना भी मुश्किल हो चुका है।
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