दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के शोधार्थियों के लिए अच्छी खबर है। अब डीसीआरयूएसटी के शोधार्थियों को आईआईटी के समक्ष प्रयोगशाला की सुविधा विश्वविद्यालय में उपलब्ध होगी। भौतिकी विभाग की नई प्रयोगशाला 1.10 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुई है। इससे शोधार्थियों के शोध में गुणवत्ता आएगी।
डीसीआरयूएसटी के भौतिकी विभाग के शोधार्थियों के अनुसंधान में गुणवत्ता आएगी। पहले शोधार्थियों को करेक्टेराइजेशन के लिए आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मद्रास व सीएसआई प्रयोगशालाओं में जाना पड़ता था। अब आईआईटी के समक्ष प्रयोगशाला भौतिकी के विभाग में बनकर तैयार हो गई है। प्रयोगशाला में शोधार्थी फ्लोरा सेंस स्पेक्ट्रोमीटर, एमईपीई लुप ट्रेसर, स्टारिंग यूनिट, यूवी वीज एनआईआर स्पेक्ट्रोफोटोमीटर आदि उपकरण भौतिकी की नई लगाए गए हैं। नई प्रयोगशाला में नए उपकरण आने के कारण अनुसंधान के अधिकतम उपकरण विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला में उपलब्ध हो गए हैं।
इन्हें भी मिलेगा लाभ
भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो.सतीश कुमार खासा ने कहा कि भौतिकी की नई प्रयोगशाला का लाभ केवल शोधार्थियों को ही नहीं, अपितु स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को भी मिलेगी। नई प्रयोगशाला के कारण शोधार्थियों के समय और पैसे की तो बचत होगी ही, इसके साथ ही साथ शोध में गुणवत्ता भी आएगी। वहीं स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को जिन उपकरणों के बारे में पाठ्यक्रम में पढऩे को मिलता था, अब वे विद्यार्थी उपकरणों का प्रयोग होते देख सकेंगे, जिसके कारण स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों के अंदर शोध करने की भावना पैदा होगी।
प्रयोगााला शोध व विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदान की
केंद्र सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग ने एफआईएसटी(फंड फॉर इंप्रवूमेंट ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर) के लिए गत वर्ष में आवेदन मांगें थे। आवेदन करने के पश्चात विभाग ने आए आवेदनों की समीक्षा के पश्चात कुछ को प्रस्तुति देने के लिए बुलाया। केंद्र सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग ने 1.46 करोड़ की राशि विवि के भौतिकी विभाग के फिजिकल साइंस के शोध व विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदान की थी। -प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत, कुलपति, दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि मुरथल।
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