हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर शनिवार को सोनीपत जिले के गांव झरौठी में ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का हवाई सर्वेक्षण से जायजा लिया। इसके साथ ही किसानों से मुलाकात भी की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को गिरदावरी कर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने के निर्देश दिए। वे किसानों के बुलावे पर यहां पहुंचे है। मुख्यमंत्री जनसभा को भी संबोधित किया भले ही किसान संगठनों ने सीएम के कार्यक्रम का विरोध नहीं करने की बात की, लेकिन विरोध की आशंका के बीच सुबह से ही कार्यक्रम स्थल को अभेद किले के रूप में तब्दील किया गया था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात रहे। जगह-जगह पुलिस नाके लगाकर गुजरने वाले वाहनों की चैकिंग करती दिखाई दी।
बता दें कि CM मनोहर लाल ने झरौठी गांव में सबसे पहले खेतों में खराब हुई फसलों का जायजा लिया और उसके बाद गांव के बाहर बनाए गए जनसभा स्थल पर पहुंचे। सभा स्थल को पूरी तरह से बैरीकेटिंग कर सुरक्षित किया गया है। सभा में पुरूष के साथ-साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची है। सभा में आसपास के गांवों से सुबह से ही लोग पहुंचने शुरू हो गए थे। किेसानों को उम्मीद यही हे कि सीएम उनके नुकसान की भरपाई के लिए कोई खास घोषणा करेंगे।
सीएम के लिए रेड कारपेट
अक्टूबर के अंतिम पखवाड़े में खरखौदा क्षेत्र के दर्जनभर गांवों में जबरदस्त ओलावृष्टि हुईं थी। पकी पकाई धान की फसल ओलों से तबाह हो गई थी। किसान उचित मुआवजे के लिए चंडीगढ़ में सीएम से मिले। सीएम खट्टर ने 6 नवंबर को फसलों में हुए नुकसान के आंकलन के लिए गांवों में आने की बात कही थी। किसान मोर्चा की जिला ईकाई कई दिन पहले बैठक कर सीएम के आने का विरोध न करने का फैसला ले चुकी है। मसलन जिस सीएम को किसान प्रदेश में कहीं भी नहीं जाने दे रहे, उनके स्वागत के लिए सोनीपत में किसानों द्वारा रेड कारपेट बिछाया गया है।
पुलिस फिर भी चौकन्ना
किसानों की ओर से सीएम मनोहर लाल के आगमन का किसी प्रकार विरोध करने का एलान नहीं हुआ है। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ भी कह चुके हैं कि वे किसानों को कुछ देने आ रहे हैं, विरोध नहीं करेंगे। बावजूद इसके सरकार या जिला प्रशासन सीएम के आगमन को देखते हुए किसी भी प्रकार का खतरा लेने को तैयार नहीं है। किसी भी प्रकार की स्थिति बने पुलिस उससे निपटने के लिए तैयार है। सीएम की सभा सोनीपत से करीब 15 किलोमीटर दूर है। सिंघु बॉर्डर जहां कि किसान पिछले एक साल से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर धरने पर बैठे हैं, की दूरी भी सभास्थल से करीब 25 किलोमीटर ही है। ऐसे में पुलिस भी जगह जगह नाके लगाकर आने जाने वालों पर नजर रखे हुए हैं। सोनीपत से झरौठी की तरफ जाते हुए रोहट पुल से ही पुलिस की नाकाबंदी शुरू हो जाती है। गांव तक के 7 किलोमीटर क्षेत्र में पांच नाके लगे हैं। इसके अलावा पुलिस ने कच्चे रास्तों को भी नाकाबंदी कर सुरक्षित कर रखा है।
किसानों के बीच पहली बार
सीएम सोनीपत में इससे पहले ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों का सम्मान करने आ चुके हैं। उसे समय भी किसानों ने सीएम का विरोध न करने का ऐलान किया था। यह पहला मौका होगा जबकि किसान आंदोलन के चलते सीएम पिछले एक साल में पहली बार यहां किसानों के बीच होंगे। गोहाना में वाल्मीकि दिवस कार्यक्रम और खेवड़ा में प्रस्तावित एक अन्य कार्यक्रम में किसानों के भारी विरोध के कारण सीएम मनोहर लाल भाग नहीं ले पाए थे।
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