गांव देवधर निवासी राष्ट्रपति अवाॅर्डी मुख्य शिक्षक जय कुमार सिंह रोहिला ने 38 साल राजकीय प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई कराई। 2009 में रिटायरमेंट के बाद भी पढ़ाने का जुनून कम नहीं हुआ। अब नशे के खिलाफ जागरूक करने के लिए पंचायतों में जाकर पाठशाला लगा रहे हैं। मोटीवेशनल लेक्चर से युवाओं को नशा से दूर रहने काे प्रेरित कर रहे हैं। इनके प्रयास से 20 से 30 युवक नशे को छोड़ चुके हैं। इनके कार्यों को देखते हुए जिला पुलिस ने नशा मुक्ति समिति में सदस्य बनाया है। 1972 में भर्ती हुए थे शिक्षक और 2009 में रिटायर होने के बाद बच्चों को पढ़ाना जारी रखा।
राेहिला ने नशे के खिलाफ मुहिम छेड़ी हुई है। लोगों के बीच में रहकर उन्होंने देखा कि नशा रिश्तों की नींव कमजोर कर रहा है अाैर यदि इसी तेजी के साथ अत्याधिक नशा करने वालों की संख्या बढ़ती रही तो समाज में परिवारों का तानाबाना बिगड़ जाएगा। इसी सोच के साथ भावी पीढ़ी को जागरूक कर रहे हैं।
अपने गांव से शुरुआत की अब आगे बढ़े | रोहिला बताते हैं कि अच्छे कार्य की शुरुआत घर या उसके नजदीक से करनी चाहिए। उन्होंने भी घर के नजदीक से युवाओं काे नशा न करने के लिए प्रेरित करने को लेकर पाठशाला लगानी शुरू की। ये ऐसी पाठशाला थी जहां न ब्लैक बोर्ड न हाथ में डस्टर। बस जुबां पर ऐसी स्पीच रखी कि नशा करने वाले सोचें कि अब तक हम इस रास्ते पर क्यों चल रहे थे। अब दूसरी पंचायतों में जाकर मोटिवेशनल लेक्चर देने का काम कर रहे हैं।
कई अवॉर्ड मिल चुके एसपी भी सम्मानित कर चुके एसपी मोहित हांडा उनको अलग-अलग कार्यक्रम में सम्मानित कर चुके हैं। रोहिला बताते हैं कि उन्होंने शैक्षणिक कार्य के साथ सामाजिक जिम्मेदारी निभाई। इसके आधार पर उनको राष्ट्रपति अवाॅर्ड से लेकर राज्य शिक्षक पुरस्कार 2001, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2002, लाइफ टाइम एजुकेशन अचीवमेंट अवाॅर्ड, भारतीय शिक्षा रत्न अवाॅर्ड, राष्ट्रीय निर्माण गोल्ड अवॉर्ड, राष्ट्रीय शिक्षा ज्योति अवाॅर्ड, भारतीय शिक्षा गोल्ड मेडल अवाॅर्ड, नेशनल स्टेट्स एजुकेशन अवाॅर्ड, राष्ट्रीय विकास रत्न अवाॅर्ड, एशिया पेसिफिक इंटरनेशनल अवाॅर्ड, नेशनल अचीवर्स अवाॅर्ड 2018 से नवाजा जा चुका है।
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