हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड में कर्मचारियों और पेंशनरों को संशोधित वेतनमान के लाभों की अदायगी नहीं होने से इस वर्ग में अच्छा खासा आक्रोश फैलने लगा है। यूनियन का आरोप है कि लंबे समय से शिमला में इससे संबंधित प्रक्रिया को लेकर फाइलें बेवजह डंप करके रखी हुई हैं। प्रदेश के कर्मचारी एवं पेंशनर्स परेशानी के सबब में धकेल दिए गए हैं।
बुधवार को हमीरपुर में यूनियन की प्रदेश इकाई की कामेश्वर दत्त शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें बताया गया कि 1 जनवरी 2016 के बाद कर्मचारियों और पेंशनरों की पे फिक्सेशन का सत्यापित न होने की वजह से यह अदायगी रुकी हुई है। कमलेश्वर दत्त शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि बोर्ड के अकाउंट विंग में तकरीबन 7000 सर्विस बुक्स पेंडिंग हैं। इन सर्विस बुक्स का पे फिक्सेशन का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है।
संशोधित वेतनमान का लाभ शीघ्र दिलाने की मांग
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 20% संशोधित पेंशन और वेतन की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए जारी किए गए आदेशों का लाभ भी इन कर्मचारियों को पे फिक्सेशन के सत्यापन के बाद ही मिल पाएगा। बोर्ड के प्रबंधक वर्ग से इस समस्या के समाधान के लिए उचित व्यवस्था कर संशोधित वेतनमानों का उचित लाभ शीघ्र दिलाने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि कुप्रबंधन और सरकार की गलत नीतियों के चलते विद्युत बोर्ड की आर्थिक स्थिति बदतर हो चुकी है। जिसका सीधा-सीधा प्रतिकूल असर कर्मचारियों और पेंशनर्स के वित्तीय लाभों की अदायगी पर पड़ रहा है। विद्युत बोर्ड 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों के संशोधित ग्रेच्युटी, कंप्यूटेशन, लीव एनकैशमेंट तक अभी अदा नहीं कर पा रहा है।
विद्युत बोर्ड पर 150 करोड़ का अतिरिक्त बोझ
सरकार द्वारा 8 सितंबर 2022 को 1 जनवरी 2016 से पहले सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों के 1 जनवरी 1986 से लेकर वर्ष 2016 तक नोशनल पे फिक्सेशन के आधार पर पेंशन का विकल्प चुनने के लिए जारी की गई अधिसूचना को भी विद्युत बोर्ड में लागू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बिना किसी योजना के खोले गए 32 सर्कल, डिवीजन और सब डिवीजन कार्यालय अभी विद्युत बोर्ड पर 150 करोड़ का एक्स्ट्रा वित्तीय बोझ बढ़ा रहे हैं।
8000 पदों को भरने की जरूरत
बोर्ड को और भी ज्यादा बदहाली की दिशा में धकेलने का काम इन्हीं के द्वारा किया गया है। 12 और 15 किलोमीटर की दूरी पर डिवीजन कार्यालय खोलने का कोई तुक नहीं है। खरबाड़ा ने कहा कि बोर्ड में खाली पड़े 8000 पदों को भरने की तत्काल जरूरत है। क्योंकि इन्हीं कर्मचारियों की वजह से बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार आता है। अफसरों की फौज खड़ी करने से कोई लाभ नहीं होता।
नए दफ्तरों को बंद करने की मांग करेगी यूनियन
नई सरकार जैसे ही सत्तासीन होगी। यूनियन इन नए खोले गए दफ्तरों को बंद करने की अपील करेगी। इस बैठक में यूनियन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह करवाड़ा, यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नंदलाल, उप महासचिव मनीष कुमार, हमीरपुर यूनिट के प्रधान कृष्णपाल, सचिव राजेश कुमार, नादौन यूनिट के प्रधान नितीश भारद्वाज, बड़सर यूनिट के सचिव राजकुमार, भी मौजूद रहे।
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