हमीरपुर में सबसे छोटी जीत:भोरंज में कांग्रेस 60 वोटों से जीती; BJP का सूपड़ा साफ, 4 पर कांग्रेस, एक निर्दलीय के खाते में

हमीरपुर6 महीने पहले
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हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले की सभी सीटों पर परिणाम आ गए हैं। यहां 4 सीटों पर कांग्रेस और एक सीट पर निर्दलीय ने जीत हासिल की है। बीजेपी के खाते में एक भी सीट नहीं आई है। पांचों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है।

वहीं जिला के नाम सबसे छोटी जीत भी दर्ज हो गई है। भोरंज सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेश कुमार ने भाजपा के उम्मीदवार अनिल धीमान को 60 वोटों से हरा दिया।

सुजानपुर में कांग्रेस के राणा 399 वोटों से जीते
हालांकि जब EVM काउंटिग खत्म हुई थी तो भाजपा 18 वोट से आगे थी, लेकिन कांग्रेस ने रिकाउंटिंग की अपील की। दोबारा काउंटिंग में कांग्रेस को 60 वोट से जीत मिली। वहीं सुजानपुर में कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र राणा 399 वोटों से जीते। वहीं नादौन से चुनाव जीते कांग्रेस के सुखविंदर सिंह सुक्खू की जीत का सर्टिफिकेट उनकी पत्नी कमलेश ठाकुर ने लिया।

धूमल और अनुराग के गढ़ में भाजपा चारों खाने चित
विधानसभा चुनावों में कभी भाजपा का गढ़ रहे हमीरपुर जिला में इस बार पार्टी चारों खाने चित हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के इस गृह जिला में पार्टी की ऐसी दुर्दशा पहले कभी नहीं हुई। 5 विधानसभा सीटों वाले इस जिला में चार पर कांग्रेस और एक में निर्दलीय उम्मीदवार काबिल हुए हैं।

भोरंज में 32 साल बाद जीत
सत्ता के संघर्ष में भाजपा के कुनबे को तो बड़ा झटका लगा ही है उसके नेताओं के लिए भी अब नया चक्रव्यूह तैयार हो गया है। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों के मुकाबले में इस बार अपने प्रदर्शन में और ज्यादा निखार लाया। बड़सर, नादौन और सुजानपुर तो पिछले बार भी उसी के कब्जे में थी, लेकिन इस बार भोरंज विधानसभा क्षेत्र में 32 साल के बाद कांग्रेस को जीत मिली है। भाजपा का वोट बैंक कई क्षेत्रों में काफी घट गया है।

हमीरपुर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का गृह जिला
हमीरपुर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का गृह जिला है। उनकी इन चुनावों में सक्रियता इस बार ज्यादा नहीं थी, लेकिन उनके बेटे और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पार्टी उम्मीदवारों को जिताने के लिए यहां पर बड़ी तादाद में चुनावी जनसभा की थी। हमीरपुर में सदर सीट पर पार्टी की जो दुर्गति हुई है उसकी हालत पार्टी की भीतरी गुटबाजी ने बिगाड़ी है।

बड़सर में लखनपाल तीसरी बार जीते
यहां पर जितने वोट निर्दलीय उम्मीदवार ले गया भाजपा और कांग्रेस के दोनों वोटों को मिला दिया जाए तो लगभग बराबरी हुई है। यही स्थिति बड़सर विधानसभा क्षेत्र में है, वहां पर लगातार तीसरी बार कांग्रेस के इंद्र दत्त लखन पाल जीते हैं। लेकिन भाजपा ने टिकट आवंटन को लेकर इस क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को जिस तरीके से दोपहर कर दिया था।

पार्टी की भीतरी लड़ाई
यह उसी का नतीजा रहा कि कांग्रेस प्रत्याशी ने जीतने वोट लिए भाजपा और पार्टी के बागी निर्दलीय उम्मीदवार के वोटों को मिला दिया जाए तो लगभग बराबर हुए। भोरंज में भी विपरीत परिस्थितियों में जो उल्टफेर हुआ, वह पार्टी की भीतरी लड़ाई का हिस्सा बना है।

सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा
अब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के इस गृह जिले में भाजपा इन चुनावों में बुरी तरह पस्त हो गई है। कांग्रेस के भीतर सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाने की जो चर्चा हो रही है। वह अब भाजपा के लिए भविष्य की राजनीति के लिए नया संकट पैदा करने वाली है।

टिकट आवंटन ने उठाए थे सवाल
हमीरपुर जिला में सुजानपुर, भोरंज, बड़सर, हमीरपुर में टिकट आवंटन को लेकर सवाल उठे थे। उसका खामियाजा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने जिस अंदाज में अब झेलने के लिए तैयार किया है। उससे पार्टी के कुनबे को अच्छा खासा नुकसान हुआ है।

पसंदीदा उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था
पर्टी के वरिष्ठ नेताओं की साख पर भी इस हार से निश्चित रूप में बट्टा लगा है। क्योंकि उन्हीं के पसंदीदा उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा गया था। पार्टी के भीतर इसी वजह से रोष भी पैदा हुआ था। अंततः नुकसान कार्यकर्ताओं का हुआ है और अब नेता जवाब देने लायक बचे होंगे किसकी इंतजार उनके अंदाज के बाद परखी जाएगी।

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की अनदेखी
क्योंकि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर कि हमीरपुर जिला में मौजूदगी ऐसी स्थिति के लिए सवाल तो उठाएगी ही। हालांकि इसके पीछे पार्टी के भीतर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की अनदेखी भी कारण बनी है और उसका जवाब पार्टी के कुनबे खासकर कार्यकर्ताओं ने जिस अंदाज में दिया है उससे वर्कर्स में बेहद रोष भी रहा है।

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