हमीरपुर की सहकारी सभाओं का होगा कम्प्यूटराइजेशन:पारदर्शी कार्यप्रणाली होने से गबन के मामलों पर लगेगी लगाम, 125 सहकारी सभाएं चयनित

हमीरपुर4 महीने पहले
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सहायक पंजीयक हमीरपुर ई. प्रत्यूष चौहान। - Dainik Bhaskar
सहायक पंजीयक हमीरपुर ई. प्रत्यूष चौहान।

हिमाचल के हमीरपुर की सहकारी सभाओं का कंप्यूटराइजेशन होगा। जिससे इन सोसाइटियों का काम पारदर्शी तो होगा ही। साथ ही यह सभाएं ग्राहकों को बैंकों की तरह प्रभावी तरीके से सेवाएं मुहैया करा सकेंगी। अमलीजामा पहनाने के लिए सहायक पंजीयक सहकारिता विभाग हमीरपुर और कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक ने पहले चरण में जिला स्थित 125 सहकारी सभाओं को कंप्यूटराइजेशन के लिए चयनित किया है।

वहीं, ADC जितेंद्र सांजटा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण समिति ने इन 125 लेखा परीक्षित सहकारी सभाओं को राज्य स्तरीय समिति को आगामी कार्यवाही के लिए भेज दिया है। हरी झंडी मिलते ही इनमें कंप्यूटराइजेशन का कार्य शुरू हो जाएगा।

सहायक पंजीयक हमीरपुर ई. प्रत्यूष चौहान की मानें तो केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की ओर से देशभर में सहकारी सभाओं का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है। जिसे नाबार्ड की देखरेख में क्रियान्वित किया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट 2516 करोड़ का है।

10% खर्च करेगी राज्य सरकार
हिमाचल में इस प्रोजेक्ट पर राज्य सरकार 10% खर्च वहन करेगी। इसके तहत प्रत्येक सहकारी सभा को करीब 4 लाख का सहयोग मिलेगा। जिसमें कंप्यूटर, उद्यम, संसाधन, योजना, सॉफ्टवेयर और सभा कर्मचारियों को प्रशिक्षण आदि शामिल होगा। जिला हमीरपुर में कांगड़ा सहकारी बैंक इस परियोजना की देखरेख करेगा। सहकारी सभाओं में बढ़ते गबन व जमाराशि के दुरुपयोग के कारण लोगों का विश्वास घटने लगा था।

सहकारिता विभाग हमीरपुर पहले भी उठा चुका कई कदम
सहायक पंजीयक हमीरपुर ई. प्रत्यूष चौहान का कहना है कि सभाओं के खाताधारकों से आग्रह है कि अपनी सभा की प्रबंधक समिति से सभा का ऑडिट जल्द करवाने की मांग करें। ताकि शेष सहकारी सभाओं को भी इस परियोजना में शामिल किया जा सके। सहकारिता विभाग हमीरपुर द्वारा पहले भी कई कदम सहकारिता के क्षेत्र सुधार को उठाए जा चुके हैं।

इनमें सहकारी सभाओं में कर्मचारियों की भर्ती नियम अपनाने, गलत ऋण देने में सभा सचिव और समिति की जवाबदेही, ऋण वापस न करने वालों के खिलाफ सशक्त कार्रवाई करना शामिल है। अब इस नए कदम से सहकारिता के क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और तकनीक के उपयोग से लोगों को बेहतरीन सुविधा भी मिलेगी।

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