भास्कर इंटरव्यूहिमाचल चुनाव में धूमल का पहला इंटरव्यू:मैंने PM को चिट्‌ठी लिख बता दिया था कि चुनाव नहीं लड़ूंगा; ज्यादा नहीं बताऊंगा

हमीरपुर7 महीने पहले
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हिमाचल प्रदेश में इस बार पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल या उनके परिवार से सीधे कोई विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा। इसके बावजूद चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा उन्हीं की है। 1984 के बाद बीते 38 बरस में पहली बार ऐसा है जब हिमाचल के चुनावी दंगल में धूमल सीधे नजर नहीं आ रहे।

दो बार CM रह चुके 78 साल के धूमल कहते हैं कि उन्होंने PM नरेंद्र मोदी को चिट्‌ठी लिख बता दिया था कि चुनाव नहीं लड़ूंगा। हालांकि मैं पिछले 5 साल विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहा।

नई दिल्ली में पार्टी के प्रत्याशी फाइनल करने बैठी मीटिंग में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला सुनाकर अपने समर्थकों को स्तब्ध कर देने वाले धूमल से दैनिक भास्कर के सीनियर जर्नलिस्ट विक्रम ढटवालिया ने तमाम मुद्दों पर सीधी बात की। हिमाचल विधानसभा चुनाव में किसी मीडिया संस्थान को धूमल का यह पहला इंटरव्यू रहा। पढ़िए धूमल ने क्या कहा:-

भास्कर : एक साल से आप खासे एक्टिव थे। वर्कर भी मोटिवेटेड फील कर रहे थे। फिर अचानक चुनाव नहीं लड़ने का फैसला क्यों लेना पड़ा?

धूमल : मैंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला बहुत पहले ले लिया था। इसके बारे में पार्टी के अंदर जिन लोगों को बताना जरूरी था, वहां समय पर बता भी दिया था। दरअसल 2017 के चुनाव के बाद मैंने 5 साल तक सुजानपुर विधानसभा हलके के कार्यकर्ताओं की देखभाल के लिए सक्रिय रहने का फैसला लिया था। ताकि जब वहां नया उम्मीदवार चुनाव में उतरे तो लोग उससे यह न कहें कि पिछले उम्मीदवार ने तो 5 साल हालचाल नहीं पूछा और अब तुम चुनाव लड़ने आ गए।

भास्कर : आपने चुनाव न लड़ने के बारे में PM मोदी को चिट्ठी कब लिखी? क्या उसके बारे में आपके बेटे अनुराग या बाकी लोगों को पता था?

धूमल : कुछ समय पहले लिखी थी। परिवार के सदस्यों को इसकी जानकारी थी।

भास्कर : चिट्‌ठी को लेकर PM से कोई बात हुई?

धूमल : PM नरेंद्र मोदी से इस पर बिल्कुल चर्चा हुई थी। मगर मेरी और उनकी क्या बात हुई? इसे सार्वजनिक नहीं कर सकता।

भास्कर : PM को लिखी चिट्ठी में आखिर क्या था? कौन सी जरूरी बात थी उसमें?

धूमल : इस बारे में मैं कुछ नहीं बता सकता।

भास्कर : क्या मान लिया जाए कि आपने सक्रिय सियासी जीवन से किनारा कर लिया है?

धूमल : पार्टी को जहां-जहां जरूरत होगी, मैं मौजूद रहूंगा। उम्र के लिहाज से जितना कर पाऊंगा, निश्चित रूप से करूंगा।

भास्कर : अनुशासित कही जाने वाली BJP में इस बार बहुत बगावत दिख रही है? ऐसा न आपके समय में हुआ और न शांता कुमार के समय। इसका जीत-हार पर असर नहीं पड़ेगा क्या?

धूमल : जब पार्टी जीत रही हो तो चुनाव लड़ने वालों की तादाद बढ़ जाती है। यह इसी का संकेत है। हर कार्यकर्ता उम्मीद करता है कि उसे टिकट मिल जाए। जहां तक बगावत को लेकर मैंने स्थिति देखी है, उसमें सुधार के लिए कुछ हो सकता था। पार्टी स्तर पर उसके लिए जानकारी दी गई है। कई जगह सुधार हुआ है। नामांकन के बाद 29 अक्टूबर से प्रचार के जोर पकड़ते ही हालात सामान्य हो जाएंगे।

भास्कर : क्या आपके बेटे अनुराग ठाकुर हिमाचल में CM पद के दावेदार हैं? क्या आपको नहीं लगता कि उन्हें जानबूझकर केंद्रीय राजनीति में सीमित कर दिया गया है?

धूमल : पार्टी हाईकमान तय करता है कि किसका किस जगह पर सही उपयोग करना है। अनुराग BJP हाईकमान की नजरों में राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर काम कर रहे हैं इसलिए ठीक है।

भास्कर : संगठन के कई पदाधिकारी इस बार चुनाव लड़ रहे हैं। यदि पदाधिकारी ही चुनाव में उतर जाएंगे तो सवाल नहीं उठेंगे क्या? परिवारवाद को लेकर भी पार्टी निशाने पर है?

धूमल : पदाधिकारियों को चुनाव लड़ाने का फैसला पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने किया है। पार्टी जिसे चाहेगी, वही चुनाव लड़ता है। पार्टी के लिए जो सही है, वही मैदान में आएगा।

भास्कर : ‘मिशन रिपीट’ में कामयाब हो पाएगी जयराम सरकार? 5 बरस में धरातल पर बहुत कुछ नहीं दिख रहा। फिर इस उम्मीद की वजह?

धूमल : BJP निश्चित रूप से सत्ता में लौट रही है क्योंकि डबल इंजन सरकार के कारण हिमाचल में कई प्रोजेक्ट्स सिरे चढ़े हैं। कोरोनाकाल में यहां बेहतर काम हुआ। इसी वजह से लोगों को लगता है कि डबल इंजन सरकार ही प्रदेश का भला कर सकती है।

भास्कर : 4 साल पहले प्रदेश में 68 नेशनल हाईवे घोषित हुए मगर उन पर काम शुरू नहीं हुआ। अटारी से मनाली वाया हमीरपुर-समीरपुर नेशनल हाईवे की घोषणा 20 साल पहले हुई थी। ये अब तक नहीं बना?

धूमल : समय लगता है। कई नेशनल हाईवे प्रोसेस में हैं। रही बात समीरपुर से होकर मनाली को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे की तो इसका काम शुरू हो चुका है। जमीन एक्वायर करने का काम चल रहा है। बड़े प्रोजेक्ट्स में कुछ समय तो लग ही जाता है।

सवाल : चुनाव में पार्टी की स्थिति और बगावत पर क्या कहेंगे?
जवाब: मेरे बगैर चुनाव मैदान में उतरी पार्टी रिपीट जरूर करेगी। टिकटों की घोषणा के बाद हिमाचल भाजपा में बगावत की मौजूदा स्थिति के बारे में वह कहते हैं कि इसमें सुधार हो सकता था।

हाईकमान समझता है धूमल की अहमियत
हिमाचल में धूमल की अहमियत BJP हाईकमान भी समझता है। इसी वजह से न केवल सुजानपुर सीट से उनके पसंदीदा उम्मीदवार को टिकट दिया गया बल्कि हिमाचल चुनाव के लिए पार्टी के 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट में धूमल का नाम नौवें नंबर पर रखा गया है। इस लिस्ट में पहले छह स्थानों पर पार्टी के केंद्रीय नेता है जबकि सातवें-आठवें नंबर पर CM जयराम ठाकुर और BJP प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप का नाम है। इनके बाद धूमल का नाम आता है। खुद PM नरेंद्र मोदी भी रैलियों में मंच से धूमल का नाम लेकर उनकी तारीफ करते रहे हैं।