PM मोदी का ठाकुर का नाम लेना चर्चा में:सुजानपुर रैली में किया जिक्र, इनकी वजह से हारे थे धूमल, BJP-कांग्रेस में कानाफूसी

हमीरपुर7 महीने पहले
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न केवल हमीरपुर, बल्कि हिमाचल की राजनीति में सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र का जिक्र न हो तो फिर भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों को ऐसा लगेगा कि कुछ 'छूट' रहा है। सुजानपुर में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली भी इसी का हिस्सा है। इस रैली में पार्टी के मौजूदा प्रदेश प्रवक्ता विनोद ठाकुर का नाम लेकर प्रधानमंत्री ने धूमल समर्थकों को 'सकते' में डाल दिया। इसके कई कारण हैं।

पहला तो यह है कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल वह चुनाव हार गए थे, लेकिन उस चुनाव से जुड़ी खास बात यह है कि तब विनोद ठाकुर भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन दिनों चुनाव प्रचार में सुजानपुर के विधायक और तत्कालीन प्रत्याशी रहे राजेंद्र राणा के वे विशेष रणनीतिकार भी थे। उस चुनाव में हुई धूमल साहब की हार न केवल भाजपा, बल्कि कांग्रेस में भी अच्छी खासी चर्चा में रही थी और इस हार का जिम्मेदार विनोद ठाकुर को ठहराया गया था।

भाजपा ने निकाल दिया था विनोद को
भाजपा ने विनोद ठाकुर को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया था, लेकिन उसके कुछ समय बाद उनकी फिर से भाजपा में न केवल वापसी हुई, बल्कि उन्हें पार्टी का प्रदेश प्रवक्ता भी बना दिया गया। यह स्थिति धूमल समर्थकों को नागवार गुजर रही थी। कारण साफ था कि जिस 1919 वोटों के अंतर से सुजानपुर में कांग्रेस जीती थी, उसमें भाजपा की हार के रूप में हिस्सेदारी विनोद ठाकुर की भी थी, क्योंकि राजेंद्र राणा के चुनाव प्रचार उनकी मौजूदगी तब खास मायने रखती थी।

उसके बाद चर्चा उन्हें जयराम सरकार में चेयरमैन या वाइस चेयरमैन बनाने की भी होती रही, लेकिन धूमल समर्थकों के विरोध के बीच यह संभव नहीं हो पाया। उसके बाद बड़सर विधानसभा चुनाव प्रत्याशी के तौर पर भी उनकी गतिविधियां खास रहीं। बिझड़ में हुए एक समारोह में विनोद ठाकुर को खास अंदाज में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में खरी-खरी भी सुनाई गई थी। टिकट की जोर आजमाइश के बीच पूर्व विधायक बलदेव शर्मा का टिकट काटकर उनकी पत्नी माया देवी का प्रत्याशी बनाया गया, क्योंकि बलदेव शर्मा का परिवार धूमल के लिए खास मायने रखता है।

बड़सर विधानसभा में इन तीन के बीच होगा मुकाबला। भाजपा की माया शर्मा, निर्दलीय प्रत्याशी संजीव शर्मा और कांग्रेस के इंद्रदत्त लखनपाल।
बड़सर विधानसभा में इन तीन के बीच होगा मुकाबला। भाजपा की माया शर्मा, निर्दलीय प्रत्याशी संजीव शर्मा और कांग्रेस के इंद्रदत्त लखनपाल।

वहीं बड़सर से अब भाजपा के बागी उम्मीदवार संजीव शर्मा निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि यह बात अलग है कि भाजपा के अच्छे खासे प्रभाव वाले इस जिले में यदि कांग्रेस के अधीन विधायक चुनावी दंगल में हों। पार्टी के 3 प्रत्याशियों के लिए हमीरपुर, बड़सर और भोरंज में भाजपा के ही बागी चुनौती बने हों तो फिर चर्चा तो परिस्थितियों की होनी है। क्योंकि प्रधानमंत्री के भाषण में विनोद ठाकुर का जिक्र होना, वह भी सुजानपुर की जनसभा में हो सवाल उठाने वाला मुद्दा तो बन ही गया है।

ऐसी परिस्थितियों में सुजानपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विनोद ठाकुर का अपने भाषण में खास अंदाज में जिक्र कर जाएं तो फिर धूमल समर्थकों को 'ताजुब' तो होना ही है। क्योंकि विनोद की मौजूदगी हो या फिर पार्टी के अंदर उनका प्रभाव, इस पर धूमल परिवार और उनके समर्थक निश्चित रूप में सकते में हैं, क्योंकि तत्कालीन धूमल साहब की 'हार' में विनोद ठाकुर का अंश भी इसमें गिना जाता है।

मोदी विनोद ठाकुर का भाषण के दरमियान खास अंदाज में कोई जिक्र कर जाएं, तो फिर धूमल समर्थकों को 'ताजुब' तो होना ही है। क्योंकि विनोद की मौजूदगी हो या फिर पार्टी के अंदर उनका प्रभाव इस पर धूमल परिवार और उनके समर्थक निश्चित रूप में सकते में रहते हैं। बजाइए अभी है कि जयराम सरकार में तो उनका रुतबा संगठनात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा ही है। दिल्ली दरबार में भी प्रभाव रखने में वे कामयाब रहे हैं। अब पिछले विधानसभा चुनावों की 'टीस' पहले से ही मौजूद थीं, नए माहौल में यह समीकरण भी अलग तरह से भुनाए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। असल में राजनीतिक समझ रखने वाले जानकार इस नए माहौल को भी अपने हिसाब से लेकर पार्टी में इनकी और उनकी भूमिका पर आंकलन तो कर ही रहे हैं।

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