हिमाचल के कांगड़ा DC डॉ. निपुण जिंदल ने सोमवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय तकीपुर में बच्चों को एल्बेंडाजोल की खुराक खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरदर्शन गुप्ता भी मौजूद रहे।
बता दें कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य पर आज पूरे जिले में लगभग 3.80 लाख बच्चों को एल्बेंडाजोल की खुराक दी गई। वहीं, करीब 1.22 लाख बच्चों को विटामिन A की खुराक दी गई। डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य बच्चों व किशारों का समग्र स्वास्थ्य तय बनाना है।
इसमें 1-18 वर्ष की आयु के बीच के सभी पूर्व स्कूली और स्कूली उम्र के बच्चों को स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से उनके अच्छे स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में सुधार करने के लिए कृमि नाशक दवा दी जाती है। प्रशासन का प्रयास है कि शिक्षा और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रत्येक बच्चे को इस अभियान के तहत कवर किया जाए।
कैसे होती है पेट के कीड़ों की समस्या
उन्होंने बताया कि बच्चों के पेट में कीड़े उत्पन्न होने के बहुत से कारण हो सकते हैं। दूषित जल स्रोतों से पानी ग्रहण करना, मिट्टी में खेलना और बिना हाथ धोए भोजन करना, सब्जियों को बिना धोए या छीले अथवा असावधानी से पकाना जैसे कारणों से पेट के कीड़ों की समस्या हो सकती है। इस संक्रमण से एनीमिया, कुपोषण तथा बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
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