कोरियाई बौद्ध संघ के अनुरोध पर तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाईलामा ने मैक्लोडगंज स्थित चुग्लाखंग बौद्ध मठ में दो दिवसीय शिक्षण के प्रथम दिन आचार्य नागार्जुन रचित मूलमध्यमककारिका ग्रंथ पर प्रवचन दिया। इस दौरान दलाईलामा ने कहा कि मेरा कोरिया के बौद्ध अनुयायियों से अच्छा संबंध रहा है। कोरियाई लोग महात्मा बुद्ध के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं। यह अच्छी बात है।
उन्होंने कहा कि महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं का मानना है कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता है। सभी धर्मों के अलग-अलग सिद्धांत होते हैं, लेकिन मूल रूप से मूल तत्व सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा, दान, जप, तप, यम-नियम आदि हैं। जिनका शाश्वत महत्व है। सभी धर्म कहते हैं अच्छा व्यक्ति बनना है, लोकहित में कार्य करना है। दूसरों के हित में काम करना चाहिए।
दलाईलामा बोले कि सामान्यत: वह बौद्ध मत के तीन भागों की चर्चा करते हैं। बौद्ध विज्ञान, बौद्ध दर्शन और बौद्ध धर्म। स्वयं बुद्ध का ही उदाहरण लें। बुद्ध मूलतः एक साधारण मनुष्य, एक परिमित क्षमतावान थे। उन्होंने सिखाया कि किस प्रकार हम एक-एक चरण आगे बढ़कर अपने साधारण मनोभावों और चित्त को पूरी तरह बदल सकते हैं और वे स्वयं उस मार्ग को अपनाकर अंततः ज्ञान संपन्न हो गए। ऐसे ही व्यक्ति को बुद्ध कहा जाता है। इसलिए बौद्ध पद्धति यह है कि इसी स्तर पर साधारण मनुष्यों के स्तर पर शुरुआत की जाए। फिर उस स्तर से आगे बढ़ते हुए बुद्धत्व प्राप्ति की अवस्था तक पहुंचा जाए।
इन भाषाओं में सीधा प्रसारण
प्रवचन का सीधा प्रसारण तिब्बती, अंग्रेजी, चीनी, वियतनामी, कोरियाई, रूसी, जापानी, स्पेनिस, जर्मन, फ्रेंच, मंगोलियाई, इटेलियन, पुर्तगाली, नेपाली एवं लद्दाखी भाषाओं में भी किया गया।
टूरिज्म को मिला बूस्टर डोज
कोरियाई बौद्ध संघ के अनुरोध पर दलाई लामा द्वारा आयोजित दो दिवसीय शिक्षाओं से टूरिज्म सेक्टर के लिए बूस्टर डोज माना जा रहा है। इन दिनों मैक्लोडगंज में अधिकतर होटल्स के रूम फुल हैं। हालांकि शरदकालीन टूरिज्म शुभारंभ होना है। क्रिसमस और नई ईयर की पूर्व संध्या से पहले ही क्षेत्र के होटलों का फुल होना टूरिज्म के लिए अच्छे संकेत माने जा रहे हैं।
इससे टैक्सी ड्राइवरों को भी काम मिलना शुरू हो गया है, लेकिन इसके उपरांत दलाई लामा एक सप्ताह की यात्रा पर बोधगया जाएंगे। दलाई लामा बोधगया कालचक्र मैदान में 29 से 31 दिसंबर तक नागार्जुन के बोधिचित्त पर तीन दिन प्रवचन करेंगे। 31 दिसंबर को श्रद्धालुओं के बीच 21 ताराओं का आशीर्वाद प्रदान करेंगे। 1 जनवरी को कालचक्र मैदान पर उनकी लंबी आयु व स्वास्थ्य को लेकर दीर्घायु प्रार्थना होगी।
दलाई लामा ने मलेशिया के नए पीएम को दी बधाई
दलाई लामा ने अनवर इब्राहिम को मलेशिया का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी। दलाई लामा ने नए प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से बधाई दी है। आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने पत्र में लिखा कि जब मुझे 1982 में शांति और सार्वभौमिक उत्तरदायित्व पर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था, तब मुझे आपके खूबसूरत देश में आने का सौभाग्य मिला था।
दिवंगत प्रधानमंत्री टुंकू अब्दुल रहमान और अन्य नेताओं के साथ विचारों के आदान-प्रदान का अवसर पाकर भी मुझे खुशी हुई थी। उन्होंने पत्र में लिखा कि ये बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय है। मुझे उम्मीद है कि मलेशिया धन्य होता रहेगा और हमारे तेजी से आपस में जुड़े विश्व की शांति और स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
दलाई लामा ने यह भी लिखा कि मैं मलेशिया के लोगों की उम्मीदों और इच्छाओं को पूरा करने में आने वाली चुनौतियों से निपटने में आपकी सफलता की कामना करता हूं। उन्होंने इब्राहिम को पीएम बनने पर शुभकामनाएं भी दीं।
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