हिमाचल के कांगड़ा स्थित इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में 600 साल पुराने श्रीराम गोपाल मंदिर डमटाल की भूमि पर अनाधिकृत तरीके से स्टोन क्रशर और खनन गतिविधियों के संचालन की शिकायत स्थानीय लोगों ने DC कांगड़ा से की हैं। शिकायत में लिखा है कि मंदिर समिति ने किसी भी स्टोन क्रशर ऑपरेटर के साथ कोई भी समझौता या लीज डीड पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
इसके बावजूद मंदिर की भूमि पर अनाधिकृत रूप से स्टोन क्रशर संचालित किए जा रहे हैं। यह ऑपरेटर विभिन्न विभागों की बिना अनुमति के अनाधिकृत रूप से स्टोन क्रशर का संचालन कर रहे हैं।
शिकायत के आधार पर DC कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने डमटाल के श्रीराम गोपाल मंदिर की भूमि पर स्टोन क्रशर और खनन गतिविधियों के अवैध एवं अनाधिकृत संचालन का कड़ा संज्ञान लेते हुए मामले की जांच को SDM इंदौरा की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसे लेकर DC ने आदेश जारी किए हैं।
स्टोन क्रशर का अनाधिकृत संचालन का मामला आया सामने
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि श्रीराम गोपाल मंदिर डमटाल की जमीन पर अनाधिकृत तरीके से स्टोन क्रशर और खनन गतिविधियों के संचालन का मामला ध्यान में आया है। इस संदर्भ में मंदिर के सहायक आयुक्त एवं SDM इंदौरा से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंदिर की भूमि का उपयोग खनन और स्टोन क्रशर संचालन के लिए करने को इन ऑपरेटरों के साथ किसी लीज डीड पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं।
यह भी प्रतीत होता है कि स्टोन क्रशर संचालकों ने खनन व स्टोन क्रशिंग ऑपरेशन के लिए पीएमटी पंजीकरण और उद्योग तथा खनन विभाग, राज्य भूवैज्ञानिक और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसे विभिन्न विभागों से अन्य मंजूरी के संदर्भ में किसी भी वैधानिक आवश्यकता को पूरा नहीं किया है।
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी प्रस्तुत करेगी संपूर्ण दस्तावेज
DC ने बताया कि मामले को देखते हुए श्री राम गोपाल मंदिर, डमटाल की भूमि पर सभी स्टोन क्रशर एवं खनन पट्टे का निरीक्षण कर फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट सौंपने के लिए SDM इंदौरा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। खनन अधिकारी नूरपुर, जिला उद्योग केंद्र कांगड़ा के महाप्रबंधक और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नूरपुर के क्षेत्रीय अधिकारी कमेटी के सदस्य होंगे।
ये कमेटी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के साथ इन संचालकों द्वारा खनन एवं स्टोन क्रशर संचालन के लिए ली गई सांविधिक स्वीकृतियों के संपूर्ण दस्तावेज भी प्रस्तुत करेगी।
पहले भी वित्तीय अनियमितताओं से घिरा मंदिर
गौरतलब है कि इससे पहले भी श्रीराम गोपाल मंदिर वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों से घिरा है। मंदिर परिसर में कुल 72 दुकानें हैं। जिनका किराया करोड़ों में बनता है, लेकिन पूर्व मंदिर अधिकारी ने इन दुकानों का किराया कौड़ियों के भाव में लिया।
श्रीराम गोपाल मंदिर में 15 मार्च, 2015 से 31 मार्च, 2017 तक पद पर रहे पूर्व मंदिर अधिकारी पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए सेवानिवृत्त हुए मंदिर अधिकारी ने अपने कार्यकाल के दौरान DC को लिखे पत्र में किया था। उस समय भी जांच के आदेश दिए गए थे।
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