हिमाचल प्रदेश ऑल वेदर टूरिस्ट डेस्टिनेशन की ओर अग्रसर हो रहा। बुद्धिष्ट टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रयास जारी है। कई अन्य देशों के साथ शीघ्र MOU साइन होगा। यह बात हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सतपाल बंसल ने मनाली के रायसन में इंटरनेशनल टूरिज्म कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कही।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय और इंडियन टूरिज्म हॉस्पिटैलिटी कांग्रेस के संयुक्त तत्वाधान में 12वीं इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस हिमालय वैगा बांड कैंप, कुल्लू के रायसन में शुरू हुआ। 25 से 28 नवंबर तक इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य प्री-कोविड-19 और पोस्ट कोविड-19 के कारण जो भी क्षति पर्यटन को पहुंची है, उस पर मंथन करना है।
देश-विदेश की यूनिवर्सिटी के 150 प्रतिनिधि ले रहे भाग
इस दौरान पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर कई प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं। इस कॉन्फ्रेंस में भारत और विदेश के विभिन्न यूनिवर्सिटी से 150 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर बतौर मुख्यअतिथि सतपाल बंसल ने कहा कि हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हम पर्यटकों को इस प्रदेश की ओर आकर्षित करने के प्रयास कर रहे हैं।
9 तकनीकी सत्रों का किया जा रहा आयोजन
सरकारी तौर पर प्रयास जारी है और यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बनने व बड़े स्तर के होटल बनने से पर्यटकों को सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल को सर्किट टूरिज्म से जोड़ने के भी प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि कॉन्फ्रेंस के दौरान 9 तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जा रहा है। इन तकनीकी सत्रों में हुए मंथन से एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
केंद्र और राज्य सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव
उसे केंद्र और राज्य सरकार को भेजा जाएगा, जिससे कि पिछड़ चुके पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दिए जाने को लेकर योजनाएं तैयार की जा सकें। शुक्रवार को इसका उद्घाटन हुआ। विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग की ओर से एक सेंटर ‘प्रोमोशन ऑफ इकोलॉजिकल, एडवेंचर, हेल्थ एंड कलचरल टूरिज्म’ का उद्घाटन किया गया है। उसे सेंटर फॉर एक्सिलेंस बनाए जाने के लिए यह कॉन्फ्रेंस काफी महत्वपूर्ण है।
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