हिमाचल में सर्दियों के मौसम में बर्फबारी होने से लेह-मनाली बॉर्डर रोड बंद हो जाता है। इससे वाहन चालकों को समस्या झेलनी पड़ती है, लेकिन इस समस्या का समाधान निकालने के लिए BRO ने इस मार्ग को 12 महीने वाहनों की आवाजाही के लिए खुला रखने की योजना तैयार की है। साथ ही इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है।
प्रोजेक्ट योजक से बदलेगी की दशा
बॉर्डर रोड के मुख्य अभियंता जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि लेह-मनाली मार्ग पर वाहनों की 12 महीने आवाजाही के लिए प्रोजेक्ट योजक शुरू किया जा रहा है। इसके तहत भारी मशीनरी और मैन पावर को भी तैयार कर लिया गया है। अब मार्ग यातायात के लिए बंद नहीं होगा।
टनल बनने से एवलांच के खतरे से मिलेगी निजात
शिंकुला पास को बर्फबारी के दौरान खुला रखने के लिए टनल का निर्माण किया जा रहा है, जिससे नॉर्थ वेस्टर्न हिमालय को बर्फबारी के दौरान भी वाहनों की आवाजाही के लिए खुला रखा जाएगा। इस टनल के बनने से एवलांच के खतरे से भी निजात मिलेगी।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है लेह-मनाली बॉर्डर रोड
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बॉर्डर रोड पड़ोसी देश चीन के बॉर्डर तक जाता है। चीन से तनातनी के बीच इस बॉर्डर रोड का कायाकल्प होना सेना के लिए भी महत्वपूर्ण है। सेना की रसद इसी सड़क से जाती है।
बॉर्डर रोड की बहाली में जुटा BRO
निमू पदमा सड़क मार्ग जिस पर 15 से 20 फीट तक बर्फ पड़ती है। इस मार्ग को BRO बहाल करने में जुटा हुआ है। इस मार्ग की बहाली होने से निमू पदमा, दारचा मार्ग का संपर्क लेह से हो जाएगा। ये मार्ग बर्फबारी में भी शेष दुनिया से जुड़ा रहेगा।
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