हिमाचल में जिला कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल एक्ट 2017 और मानसिक जागरूकता, नशा निवारण एवं 'आत्महत्या की प्रवृत्ति को कैसे रोका जाए' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुशील चंद्र शर्मा ने कार्यशाला की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि नशा एक गंभीर समस्या बन चुकी है जिसके कारण पूरे के पूरे परिवार नष्ट हो रहे हैं।
उन्होंने चिंता जताते हुए बताया कि अक्सर इस में युवा वर्ग को ही नशा करते हुए देखा गया है। जिसके कारण उसकी मानसिक स्थिति, शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। जिसके कारण वे आत्महत्या जैसे कदम उठाने लगते हैं, शरीर कई तरह की बीमारियों से जकड़ जाता है।
उन्होंने बताया कि इसीलिए आज जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं नशा निवारण के नोडल अधिकारी डॉक्टर सत्यव्रत वेद्य द्वारा 10 पुलिस ऑफिसर तथा 10 मेडिकल अफसर जो कि जिला के विभिन्न विभागों से आए हैं को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के प्रति प्रशिक्षित किया गया।
इसमें डॉ सत्यव्रत ने जो कि नशा निवारण के नोडल अधिकारी हैं उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों को बताया कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसकी मानसिक स्थिति ठीक ना हो और सड़कों में घूमता हो वह व्यक्ति किसी भी जेंडर का हो ऐसे व्यक्ति के बारे पुलिस को सूचित करें ताकि पुलिस उन्हें अस्पताल में लाए ताकि उनका सही ढंग से इलाज हो सके।
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