कुल्लू में 3 मुद्दे बीजेपी-कांग्रेस की चुनौती:भुभु टनल, भुंतर-मणिकर्ण हाईवे, बिजली महादेव रोपवे नहीं बने

कुल्लू7 महीने पहले
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भाजपा से दो बार सासंद रहे रामस्वरूप भी कुछ नहीं कर पाए, कांग्रेस ने भी की उपेक्षा। - Dainik Bhaskar
भाजपा से दो बार सासंद रहे रामस्वरूप भी कुछ नहीं कर पाए, कांग्रेस ने भी की उपेक्षा।

प्रदेश के कुल्लू जिले में जिन मुद्दों को 2 दशकों से भी ज्यादा समय से सुलझाया नहीं जा सका है, उन मुद्दों के सहारे कुल्लू विधानसभा चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह भाजपा प्रत्याशी नरोत्तम ठाकुर की नैया पार लगाना चाहते हैं। इन मुद्दों में भुभु टनल, भुंतर- मणिकरण मार्ग का विस्तारीकरण और बहुचर्चित बिजली महादेव रोपवे शामिल हैं।

लिहाजा इन तीनों मुद्दों को सुलझाने का आश्वासन इस बार भी महेश्वर सिंह दे रहे हैं, लेकिन हकीकत यही है कि 2 दशक से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी इन मुद्दों का अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है। हर 5 साल बाद चुनावी मुद्दा बनने वाले यह तीनों मामले अभी शून्य से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। 2 बार सांसद रहे स्वर्गीय रामस्वरूप शर्मा भी इन मुद्दों को लेकर कुछ नहीं कर पाए।

मणिकर्ण घाटी 2 धर्मों की संयुक्त पर्यटन स्थली है और इस घाटी में पर्यटकों का लाखों की संख्या में आना जाना लगा रहता है, लेकिन भुंतर से लेकर मणिकर्ण तक की सड़क की हालत देखी जाए तो यहां डबल लेन सड़क तक नहीं बनाई जा सकी है। भाजपा नेताओं ने इस सड़क को भारतमाला प्रोजेक्ट में शामिल करने के दावे किए थे, परंतु इस सड़क को अभी तक डबल लाइन नहीं बनाया जा सका है।

यह हकीकत है कि इन मुद्दों को सिर्फ भाजपा ने ही मुद्दा नहीं बनाया, बल्कि कांग्रेस पार्टी भी इन्हें मुद्दा ही बनाती आई है, लेकिन एक हकीकत यह भी है कि कांग्रेस के नेता और सरकार भी इन मामलों को लेकर धरातल पर कुछ नहीं कर पाए हैं। ऐसे में कुल्लू विधानसभा क्षेत्र की जनता हर बार चुनाव में वोट देने के लिए ही इस्तेमाल की गई और इस बार भी ऐसा ही होगा।

भुभु टनल का सच

भुभु टनल की हकीकत यही है कि अभी तक इस चैनल को लेकर न तो कोई औपचारिकताएं पूरी की गई है और न ही इसको लेकर राज्य और केंद्र सरकारों ने गंभीरता दिखाई है। लिहाजा इस चैनल के निर्माण का मुद्दा सिर्फ चुनावी मुद्दा ही बनकर रह गया है, जबकि इस टनल को बनाने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भूतल मंत्री नितिन गडकरी से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियों और नेताओं के समक्ष प्रमुखता से उठाई जा चुका है, लेकिन आज तक भी यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में ही पड़ा हुआ है।

बिजली महादेव रोपवे की हकीकत

बिजली महादेव के लिए रोपण बनाया जाना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है, लेकिन केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार होते हुए भी प्रधानमंत्री के सपने को पूरा नहीं किया जा सका है। रोपवे बनाने के लिए कुछ वर्ष पहले टेंडर भी लगाए गए थे और एक कंपनी को इसका ठेका भी दिया गया, लेकिन धरातल पर अभी तक इसका काम ही शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में बिजली महादेव रोपवे का मुद्दा भी महज चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है। इस बार फिर देख लेते हैं कि यह प्रोजेक्ट सिरे चढ़ता है या नहीं।