हिमाचल के कुल्लू में कंटिन्यू फार्मेसी एजुकेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कुल्लू जिला के साथ-साथ लाहौल-स्पीति और पांगी के करीब 600 पंजीकृत फार्मासिस्ट ने भाग लिया। जिला कुल्लू दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष ऋषभ कालिया ने इस मौके पर उपस्थित फार्मासिस्टों को संबोधित करते हुए कहा कि फार्मासिस्ट की एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। मरीज को किस तरह से गाइड करना है, इसको लेकर फार्मासिस्ट की अहम भूमिका होती है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन स्टेट फार्मेसी काउंसिल और जिला कुल्लू दवा विक्रेता संघ संयुक्त रूप से किया गया है। कार्यक्रम का उद्देश्य फार्मेसी के क्षेत्र में अपग्रेड टेक्नोलॉजी से फार्मासिस्ट को अवगत कराना था। उन्होंने कहा कि प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी अपने निर्देश में कहा है कि स्टेट फार्मेसी काउंसिल समय-समय पर कंटिन्यू फार्मेसी एजुकेशन के कार्यक्रम आयोजित करे।
5 साल में दो बार कार्यक्रम अटेंड करना जरूरी
आदेश में कहा गया है कि 5 साल में दो बार पंजीकृत फार्मासिस्ट को एजुकेशन कार्यक्रम अटेंड करना जरूरी है, अन्यथा उसका पंजीकरण स्टेट फार्मेसी काउंसिल नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन देव सदन के हॉल में किया जाना था, लेकिन प्रतिभागियों की संख्या अधिक होने के कारण इसका आयोजन अटल सदन के सभागार में किया गया है।
फार्मासिस्ट के क्षेत्र में आए बदलाव और तकनीकियों के बारे में बताया
जिसमें स्त्रोत व्यक्ति के रूप में डॉ. अरविंद शर्मा, डॉक्टर अभिनीत गुप्ता और प्रताप ने उपस्थित फार्मासिस्ट को संबोधित करते हुए फार्मासिस्ट के क्षेत्र में आए बदलाव और तकनीकियों के बारे में जानकारी साझा की। जबकि, कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंद्र शर्मा ने किया। उन्होंने भी इस मौके पर उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए फार्मासिस्ट के क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाने का आग्रह किया है।
इस दौरान स्टेट फार्मेसी काउंसिल के पदाधिकारी व ड्रग्स एसोसिएशन के पदाधिकारी सदस्यों सहित वरिष्ठ फार्मासिस्ट सूर्यकांत, मनोज चौधरी, अमन भल्ला शहीद प्रदीप भी मौजूद रहे।
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