हिमाचल प्रदेश के कुल्लू शहर में बने अटल सदन में चल रहे राज्य स्तरीय नाट्योत्सव में प्रदेशभर से आए हुए कलाकारों की प्रस्तुतियां लोगों का खूब मनाेरंजन कर रही हैं। कार्यक्रम की दूसरी संध्या की प्रस्तुतियों में मंडी के संवाद युवा मंडल के कलाकारों के आखिरी खत ने माहौल को गमगीन कर दिया तो वहीं कुल्लू के वीरनाथ युवक मंडल फोजल के कलाकारों के हॉरन नृत्य ने कुल्लू की प्राचीन संस्कृति का प्रदर्शन किया।
हॉरन नृत्य ने किया मनोरंजन
वहीं कुल्लू के स्थानीय कलाकार मुखौटा पहनकर नृत्य करते हैं, जिसमें कुल्लू जिला के ग्रामीण परिवेश की झलक देखने को मिली। इन कलाकारों ने परंपरागत ढोल-नगाड़ों, शहनाई की धुन पर मंच पर हॉरन नृत्य पेश किया, जिसने उपस्थित लोगों का भरपूर मनोरंजन किया।
आखिरी खत से सामाजिक मुद्दे पर कटाक्ष
मंडी के संवाद युवक मंडल के आखिरी खत नाटक की प्रस्तुति ने सामाजिक मुद्दे पर कटाक्ष किया। नाटक में आज के दौर में बुजुर्ग माता-पिता की दशा को बताया गया। इस नाटक में एक पति पत्नी अपने बेटे को खूब पढ़ाते हैं और उसे विदेश जाकर धन कमाने के लिए भी प्रेरित करते हैं, लेकिन जब वह बुजुर्ग हो जाते हैं तो बेटा अपनी पत्नी को भी अपने साथ विदेश ले जाता है और मां बाप दोनों अकेले रह जाते हैं। आखिर में मां बेटे को इंतजार करते हुए दम तोड़ देती है, लेकिन बेटा मां की चिता को आग लगाने के लिए भी विदेश से आने से इंकार कर देता है।
खुदकुशी करता है पिता, बेटे के नाम आखिरी खत छोड़कर
मरते समय मां ने अपने पति से वादा किया होता है कि उसकी चिता को बेटा ही आग लगाएगा। तब पिता अपने बेटे को आने के लिए मजबूर कर देता है और जब बेटा घर आता है तो पुरानी यादें उसे पश्चाताप से भर देती हैं। उसी रात को पिता फांसी लगा लेता है और बेटे के नाम आखिरी खत लिखता है, जिसमें वह सारे घटनाक्रम का वर्णन करता है। खत में यह भी लिखा होता है कि बेटा तुझे बार-बार यहां न आना पड़े, इसलिए मैंने भी खुदकुशी कर ली है।
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