हिमाचल के कुल्लू स्थित फ्रेंडशिप पीक में लापता हुए ट्रैकर का लगातार 4 दिनों तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद भी पता नहीं चल पाया है। जबकि, यह ट्रैकर 7 दिन पहले फ्रेंडशिप पीक में ग्लेशियर की चपेट में आया था। उसके बाद से ट्रैकर लापता चल रहा है। मनाली प्रशासन को इस घटना का पता 19 नवंबर की शाम को चला था।
ग्लेशियर में लापता हुए ट्रैकर आशुतोष के दोस्त वापस मनाली पहुंचे तो उन्होंने प्रशासन को घटना की सूचना दी थी। लिहाजा 20 नवंबर की सुबह मनाली प्रशासन की ओर से रेस्क्यू टीम रवाना की गई थी और सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। उसके बाद लगातार मनाली प्रशासन की ओर से सर्च ऑपरेशन के लिए टीमें भेजी जा रही हैं, लेकिन अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है।
21 नवंबर को रवाना हुई थी दूसरी टीम
मनाली प्रशासन की ओर से 21 नवंबर को दूसरी टीम रवाना की गई थी, लेकिन इन टीमों को सर्च ऑपरेशन के दौरान लापता ट्रैक्टर को खोजने में कामयाबी नहीं मिल पाई थी। लिहाजा 22 नवंबर को मनाली प्रशासन की ओर से अटल बिहारी पर्वतारोहण संस्थान मनाली की टीम रवाना की गई थी। जबकि एडवेंचर टूर ऑपरेटर एसोसिएशन की टीम भी मौके पर सर्च ऑपरेशन में जुटी रही।
बीती रात को भी सर्च ऑपरेशन में जुटी टीम बर्फ के बीच तंबू लगाकर रुकी रही और सुबह से सर्च ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन शाम तक टीम को लापता ट्रैकर का पता नहीं चल पाया। ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीम बुधवार रात को भी ग्लेशियर के आसपास तंबू लगाकर रात बिताएगी।
सर्च ऑपरेशन में जुटी टीमें
एसडीएम मनाली सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि अभी तक लापता ट्रैकर का पता नहीं चल पाया है। जबकि मौके पर टीमें सर्च अभियान में जुटी हुई हैं। उन्होंने बताया कि सर्च ऑपरेशन में रेस्क्यू टीमों ने एक तरफ के ग्लेशियर के हिस्से को छान मारा है। अब ग्लेशियर के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका को लेकर सर्च ऑपरेशन चल रहा है। उन्होंने बताया कि यह सर्च ऑपरेशन लगातार जारी रहेगा।
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