हिमाचल के जिला लाहौल स्पीति के केलांग में जनजातीय अधिकारों के लिये विरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए उनके जन्मदिन को पर संग्रहालय सभागार में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। जनजातीय गौरव दिवस में सहायक आयुक्त रोहित शर्मा बतौर मुख्य अथिति उपस्थित हुए। इस अवसर पर रोहित शर्मा ने कहा कि बिरसा मुंडा ने जनजातीय अधिकारों के लिये अंग्रेजी शासन के विरुद्ध आवाज उठाई औऱ जनजातीय समाज के लिए संघर्ष रत रहे।
उन्होंने कहा कि आज जनजातीय गौरव दिवस के रूप में उनके द्वारा किये गए कार्यों को याद करते हुए जनजातीय संस्कृति के संरक्षण व संवर्द्धन के लिये किये गए सभी के प्रयासों को भी याद करना है। ताकि भावी पीढ़ी को जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किये गए बलिदानों से अवगत करवाया जा सके साथ ही जनजातीय क्षेत्रों के सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने व राष्ट्रीय गौरव व भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए आदि वासीयों द्वारा किये प्रयासों को सम्मान देने के लिये ये दिवस मनाया जाता है।
रोहित शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा गत वर्ष विरसा मुंडा के जन्मदिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि इस कड़ी में शोभायात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रम व वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रनजीत वैद ने उपस्थित लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर उन्होंने जहालमा के आयुर्वेदिक डॉक्टर स्वर्गीय दोरजे ठाकुर का जिक्र करते हुए कहा कि जब लाहौल घाटी में जब स्वास्थ्य सुविधाएं न के बराबर थी, तो उस दौरान उनके द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये कार्यों को लाहौल की जनता कभी नही भूल पाऐगी।
इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों द्वारा विरसा मुंडा की जीवनी पर आधारित व लाहौल के जनजातीय समाज मे महान योगदान देने वाले हस्तियों के जीवन पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर जनजातीय संग्रहालय से पुराने परिधि गृह केलंग बीच पदयात्रा निकाली गई। गौरव दिवस के अवसर पर महिला मंडल अप्पर केलांग व वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला केलांग की छात्राओं ने परंपरागत लोकनृत्य प्रस्तुत किया।
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