हिमाचल के कुल्लू स्थित मनाली की सोलंग वैली में करोड़ों की लागत से बन रहे पुल का हिस्सा शटरिंग निकालते वक्त गिर गया। उस दौरान मजदूर काम कर रहे थे। गनीमत रही कि समय रहते मजदूरों को अहसास हो गया था कि पुल का यह हिस्सा गिरने वाला है। करोड़ों की लागत से बन रहा यह पुल एक बार फिर विवादों में आ गया है। बताया जा रहा है कि यह शटरिंग काफी सालों से लगी हुई थी, जिसे गिरने के डर से ही नहीं निकाला जा रहा था।
इस पुल का निर्माण कार्य पिछले 7 सालों से चल रहा है। गर्मियों में सोलंग गांव को जाने के लिए ढीपी (अस्थाई पुल) का निर्माण किया गया था। जिसके ब्यास नदी में बह जाने के कारण पुल से गुजर रहे दो बच्चों की जान चली गई थी। उस वक्त मनाली विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री रहे गोविंद सिंह ठाकुर पर इस घटनाक्रम की गाज गिरी थी।
विधानसभा चुनाव में खूब गरमाया मुद्दा
सोलंग को जोड़ने वाले पुल का मुद्दा विधानसभा चुनाव में काफी चर्चाओं में रहा है। कांग्रेस पार्टी ने 9 गांवों में जाकर जो वोट मांगे, उसमें सोलंग पुल व दो बच्चों मौत का मुद्दा मुख्य था। भारतीय जनता पार्टी से बागी उम्मीदवार मोहिंद्र ठाकुर ने दो बच्चों की मौत का सीधा जिम्मेदार भाजपा प्रत्याशी को ही ठहराया था।
दो बार हो चुका है ठेका
पुल का समय पर निर्माण न होने के चलते अन्य ठेकेदार को इसका काम सौंपा गया था। मगर, शटरिंग के दौरान पुल का हिस्सा गिरने के कारण अब इसकी गुणवत्ता पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। वहीं, पुल का एक हिस्सा गिरने का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो सोलंग गांव के किसी व्यक्ति ने बनाया है। जो पूरी कहानी बयां कर रहा है।
PWD कटराई के XEN अनूप का कहना है कि पुल का निर्माण 2015 में शुरू हुआ था, मगर ठेकेदार के मापदंडों पर खरा नहीं उतरने के कारण उसे हटा दिया गया था। ठेकेदार अपना सामान निकाल रहा था। उसी दौरान यह हादसा हुआ।
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