हिमाचल के कांगड़ा स्थित चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ व्याख्यान श्रृंखला के तहत जापान के यामागाटा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. ताइसुके कानाओ ने दीमक और अन्य संबंधित कीड़ों पर एक व्याख्यात्मक व्याख्यान दिया। डॉ. कानाओ ने प्रजातियों की विविधता और दीमक व इससे संबधित अन्य कीड़ों के विकासवादी इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने दीमक और दीमक के महत्व, विविधता और सह-विकास पर भी बात की और अपने अनुभव साझा किए। कुलपति प्रो. HK चौधरी ने बताया कि डॉ. कानाओ अंतरराष्ट्रीय दीमक अनुसंधान दल के सदस्य हैं।भारत में दीमक पर शोध कार्य को मजबूत करने के लिए कृषि विश्वविद्यालय भी जल्द ही टीम में शामिल होगा।
उन्होंने कहा कि देश में दीमक की विविधता और संबधित कीड़ों के महत्व का अध्ययन करने की आवश्यकता है। कुलपति ने कीट विज्ञान विभाग के प्रमुख को यामागाटा विश्वविद्यालय, जापान के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की संभावना तलाशने के लिए कहा ताकि शोधार्थियों और अन्य छात्रों को अपने शोध कार्य के लिए नए इनपुट मिल सकें।
उन्होंने डॉ. कानाओ को विश्वविद्यालय में दीमक अनुसंधान कार्य को सुदृढ़ करने और संयुक्त शोध प्रकाशनों में सहयोग करने के लिए कहा। विभागाध्यक्ष डॉ. रविंदर सिंह चंदेल ने बताया कि डॉ. कानाओ विश्वविद्यालय के एक पखवाड़े के दौरे पर हैं। उन्होंने सिरमौर, हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में दीमक पर वैज्ञानिकों के साथ संयुक्त सर्वेक्षण का काम किया है। वैज्ञानिकों और छात्रों के साथ उनकी बातचीत बहुत उपयोगी रही है।
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