हिमाचल के करसोग में पहले ही महंगाई के बोझ से दबे किसानों की रातों की नींद जंगली जानवरों ने हराम कर दी है। यहां तहसील मुख्यालय से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पंचायत बखरौट के तहत कई गांव में जंगली सुअरों ने एक ही रात को खेतों में खड़ी फसलों को तबाह कर दिया। सुबह जैसे ही खेतों में जाकर देखा तो किसानों की साल भर की मेहनत की घर पहुंचने से पहले ही खेतों में बर्बाद हो गई थी।
बखरौट पंचायत के तहत सोमवार देर रात को जंगली सुअरों ने खनेरी, कुजो, माहोग, जुड़, चिंडी, बाओग व तकनाड़ नाला आदि गांव में खेतों में घुसकर एक ही रात को मक्की, दाल सहित सब्जी की फसल को तबाह कर दिया।
यहीं नहीं खेतों में घुसे सुअरों के झुंडों ने सेब के पौधों को भी नुकसान पहुंचाया है। जंगली जानवरों की ये समस्या केवल बखरौट पंचायत में ही नहीं है। करसोग की अधिकतर ग्रामीण जंगली जानवरों के आतंक से परेशान है। ग्रामीणों ने प्रशासन से जंगलों जानवरों से निजात दिलाए जाने की दिशा में उचित कदम उठाने की मांग की है। इसके साथ ही फसलों को हुए नुकसान की भरपाई किए जाने का भी आग्रह किया है।
गांव में फसलों को किया तबाह
गांव खेनेरी के इंद्र सिंह राजपूत का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से जंगली सुअरों में क्षेत्र में आतंक फैला रखा है। बीती रात को भी सुअरों ने खेतों में घुसकर कई गांव में फसलों को तबाह किया है। उन्होंने कहा कि किसान खेती के लिए बीज और खाद खरीदने को हजारों रुपए खर्च करते हैं। इस पर पूरे परिवार की मेहनत अलग से है, लेकिन जब फसल तैयार होती है तो जंगली जानवर उसे तबाह कर रहे हैं। ऐसे में फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जाए।
मुआवजा देने का नहीं कोई प्रावधान: डीएफओ
डीएफओ कृण्ण बाग नेगी का कहना है कि जंगली जानवरों की ओर से फसलों को lनुकसान पहुंचाए जाने पर भरपाई का कोई प्रावधान नही है। इस बारे में कोई पॉलिसी नहीं बनी है। उन्होंने कहा कि फिर भी विभाग अपने स्तर पर सर्वे करेगा।
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