हिमाचल में मंडी के करसोग से कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मंत्री मनसाराम के बेटे महेशराज पर दांव खेला है। ऐसे में पूर्व मंत्री के समर्थकों में भारी उत्साह है। महेशराज 1996 से कांग्रेस से जुड़े हैं। इसके बाद वे विभिन्न पदों पर रहकर पार्टी को सेवाएं दे रहे हैं। इग्नू से स्नातक महेश राज सबसे पहले वे वर्ष 1996 से वर्ष 1997 तक करसोग ब्लॉक यूथ कांग्रेस के महासचिव रहे। इसके बाद वर्ष 2013 से वर्ष 2018 वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी सदस्य के पद पर भी पार्टी की सेवा कर चुके हैं।
महेशराज करसोग नगर पंचायत के वार्ड नंबर 3 (न्यारा) के रहने वाले हैं। उनका जन्म 14 मई 1972 को हुआ। स्नातक की डिग्री के बाद महेशराज लगातार कांग्रेस पार्टी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। करसोग विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस से टिकट के वे प्रबल दावेदारों में से एक थे। हालांकि पार्टी से टिकट के लिए 12 कार्यकर्ताओं ने दावेदारी जताई थी, लेकिन उनका मुख्य मुकाबला पूर्व विधायक मस्तराम की पत्नी निर्मला चौहान से था, जो वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सचिव भी हैं।
इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन, महासचिव भगत राम व्यास, ब्लॉक कांग्रेस उपाध्यक्ष जगतराम जगत, पूर्व पंचायत समिति अध्यक्ष चमेलू देवी सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधिवक्ता रमेश कुमार, हीरामणि भारद्वाज, पवन कुमार आदि टिकट की दौड़ में शामिल थे, लेकिन अंत तक टिकट के लिए महेशराज का मुख्य मुकाबला निर्मला चौहान के साथ रहा। आखिर में सेंट्रल इलेक्शन कमेटी ने महेशराज पर ही अपना भरोसा जताया है।
इसके लिए उन्होंने हाईकमान का आभार प्रकट किया है। महेशराज 25 अक्टूबर को नामांकन पत्र भरेंगे। जिसके लिए कार्यकर्ताओं ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। करसोग विधानसभा सीट पर महेशराज का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार दीपराज भंथल और सीपीआई (एम) उम्मीदवार किशोरी लाल से होगा। हालांकि पार्टी से टिकट के कई दावेदार होने से कांग्रेस पार्टी के सामने भीतरघात से निपटना भी एक चुनौती होगी।
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