CM जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी की उपजाऊ भूमि बल्ह में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट जहां भाजपा के चुनाव परिणाम को प्रभावित करेगा। वहीं, इस सीट के नतीजे प्रस्तावित एयरपोर्ट का भविष्य भी तय करेंगे। भाजपा के रिपीट करने से इस हवाई अड्डे की योजना धरातल पर उतरने की संभावना बनती है। यदि कांग्रेस की सरकार बनी तो जयराम ठाकुर के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के भविष्य पर बादल मंडरा जाएंगे।
कांग्रेस बल्ह की उपजाऊ भूमि को एयरपोर्ट के लिए उजाड़ने के पक्ष में नहीं। पार्टी इस योजना का शुरू से विरोध करती रही। इस चुनाव में बल्ह घाटी में एयरपोर्ट क्षेत्रवासियों का अहम मुद्दा रहा। चुनाव आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले जयराम सरकार ने नागचला में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट योजना के लिए सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन भी शुरू करा दिया।
बल्ह एयरपोर्ट के अपने ड्रीम प्रोजेक्ट पर जयराम का यहां तक बयान था कि वह रहें न रहें, एयरपोर्ट हर हाल में बनेगा।
सैकड़ों बीघा भूमि से हजारों लोग होंगे विस्थापित
ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए 2600 बीघा से कुछ अधिक भूमि का अधिग्रहण होगा। इसमें 2215 बीघा भूमि निजी क्षेत्र में आती है। करीब 9 हजार करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाले इस एयरो प्रोजेक्ट से हजारों लोग विस्थापित होंगे। बल्ह के किसानों का एक बड़ा वर्ग यहां एयरपोर्ट बनाने के पक्ष में नहीं। उनका कहना है कि सोना उगलने वाली उपजाऊ भूमि को वो गवाना नहीं चाहते।
जनता शुरू से विरोध कर रही है, लेकिन मुख्यमंत्री सुन नहीं रहे।
बल्ह में हुई 77.69 % वोटिंग
एयरपोर्ट का मुद्दा बल्ह में क्या गुल खिलाता है, यह चुनाव परिणाम बताएंगे। बल्ह विधानसभा में कुल 81501 वोट हैं। इस बार यहां 77.69 प्रतिशत मतदान हुआ है। अब देखना है कि भाजपा उम्मीदवार इंद्र सिंह अपनी विधायकी बचाने में सफल होते हैं या पूर्व मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश चौधरी वापसी करते हैं।
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