हिमाचल के मंडी सदर और द्रंग सीट के चुनाव परिणाम पर दो राजनीतिक परिवारों का भविष्य निर्भर है। इस चुनाव में सुखराम परिवार और कौल सिंह ठाकुर के परिवार में वर्चस्व की सीधी जंग देखने को मिली। ऐसे में 8 दिसंबर को सामने आने वाले चुनाव परिणाम पर सबकी नजरें टिकी हैं।
पंडित सुखराम परिवार की बात करें तो उनके पोते आश्रय शर्मा इस बार चुनाव से ठीक पहले पाला बदलकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने आश्रय शर्मा के पिता अनिल शर्मा को मंडी सद से टिकट दिया है। अनिल शर्मा पहली बार अपने पिता पंडित सुखराम के बिना चुनाव लड़ रहे हैं। सुखराम के साथ रहते अनिल शर्मा की ताकत दोगुनी हो जाती थी, लेकिन सुखराम अब दुनिया में नहीं हैं।
सुखराम का पूरा जीवन कांग्रेस को समर्पित
हिमाचल के दिग्गज नेता पंडित सुखराम अपने सियासी जीवन में ज्यादातर समय कांग्रेस पार्टी में रहे। उनके बेटे अनिल शर्मा और पोते आश्रय शर्मा अब भाजपा में राजनीतिक भविष्य देख रहे हैं। मंडी सदर हलके पर शुरू से सुखराम परिवार का दबदबा रहा। खुद पंडित सुखराम यहां से 5 तो अनिल शर्मा 4 बार चुनाव जीत चुके हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर अपना 11वां चुनाव लड़ रहे हैं। वह 77 साल के हैं। उनके बुजुर्ग कंधों पर अपनी बेटी चंपा ठाकुर का राजनीतिक भविष्य संवारने की जिम्मेदारी है। चंपा ठाकुर मंडी सदर सीट से सुखराम के बेटे अनिल शर्मा के सामने इस बार भी कांग्रेस की कैंडिडेट हैं। 2017 में चंपा ठाकुर इसी सीट पर भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा से हार गई थीं।
द्रंग में BJP को भितरघात का डर
चुनावी रुझानों को आधार मानें तो इस बार द्रंग सीट पर कांग्रेस कुछ सहज स्थिति में लग रही है। द्रंग में भाजपा भी बगावत को तो शांत करने में सफल रही, लेकिन उसे भितरघात का अंदेशा सता रहा है। द्रंग से भाजपा ने पूर्ण चंद ठाकुर को टिकट दिया है।
मंडी सदर में 74% मतदान
मंडी सदर सीट पर सुखराम के बेटे और BJP कैंडिडेट अनिल शर्मा को कौल सिंह की बेटी और कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर इस बार कड़ा मुकाबला देती नजर आईं। मंडी सदर सीट पर इस बार 74 प्रतिशत पोलिग हुई वहीं द्रंग में 79.27 प्रतिशत मतदान हुआ।
मंडी सीट पर भाजपा की टेंशन अपने ही बागी प्रवीण शर्मा की वजह से बढ़ी हुई है। प्रवीण शर्मा और अनिल शर्मा दोनों ही ब्राह्मण समुदाय से हैं इस लिहाज से मंडी सदर सीट पर ब्राह्मण वोटबैंक बंट सकता है। दूसरी ओर ठाकुर समुदाय से चंपा ठाकुर इकलौती कैंडिडेट है। अगर जातीय समीकरण चले और प्रवीण शर्मा ने ब्राह्मण वोटबैंक में सेंध लगा दी तो सुखराम के बेटे अनिल शर्मा की मुश्किलें बढ़ना तय है।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.