हिमाचल में सरकार बदली है, चेहरा बदला है तो चलन भी बदलेगा ही। पूर्व CM जयराम ठाकुर के मंडी जिले में उनके समय शुरू किए ड्रीम प्रोजेक्ट्स पर संकट मंडराने लगा है। छोटी काशी कहे जाने वाले मंडी नगर में शिव धाम का मेगा प्रोजेक्ट और जिला मुख्यालय से सटी बल्ह घाटी में इंटरनेशनल एयरपोर्ट।
यह 2 परियोजनाएं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने गृह जिला में शुरू करवाई थीं। कांग्रेस पार्टी शुरू से नकदी फसल प्रमुख बल्ह क्षेत्र में हवाई अड्डे के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों के साथ खड़ी रही। अब जबकि कांग्रेस सत्ता में है तो पूर्व मुख्यमंत्री के इन दोनों ड्रीम प्रोजेक्ट्स पर खतरा मंडराने लगा है।
नई सर्वे एजेंसी को सौंपा काम
प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले जयराम सरकार ने बल्ह वैली में एयरपोर्ट निर्माण के लिए वेपकॉस सर्वे कंपनी को सामाजिक प्रभाव का आंकलन करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। नई सरकार ने पुरानी कंपनी से काम वापस लेकर इसे नई SR कंपनी को थमा दिया। यह कंपनी अपनी सर्वे रिपोर्ट सुक्खू सरकार को देगी। चुनाव में एयरपोर्ट यहां का बड़ा मुद्दा था। कांग्रेस ने सरकार आने पर लोगों को राहत देने की बात कही थी।
शिव धाम प्रोजेक्ट साइट से मजदूरों का पलायन
जयराम ठाकुर के दूसरे दूसरे ड्रीम प्रोजेक्ट शिव धाम के निर्माण में लगे मजदूर वापस चले गए। मजदूरों का आरोप है कि कंपनी की ओर से उन्हें न पैसा मिल रहा है और रोटी, कपड़ा, मकान की भी व्यवस्था नहीं। इसलिए उन्हें यहां से जाना पड़ा। अब कई दिन से प्रोजेक्ट साइट सुनसान और शिव धाम का निर्माण अधूरा है। संशय की स्थिति है कि कांग्रेस की सरकार में यह कार्य आगे बढ़ पाता है या नहीं।
नए CM के जिले में भी जा सकता एयरपोर्ट
मंडी में अब चर्चा यह भी है कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को नए CM के जिले में शिफ्ट किया जा सकता है। हमीरपुर के जाहू क्षेत्र में काफी गैर उपजाऊ भूमि है, जहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की संभावना बन सकती है। इस बात को इसलिए बल मिल रहा है कि कांग्रेस ने विपक्ष में ऐसी बड़ी परियोजना को उपजाऊ भूमि की जगह, कहीं खाली व गैर जरूरी जमीन पर ले जाने की बात की थी।
बल्ह वासियों की सोना उगलने वाली भूमि
मंडी व सुंदरनगर के बीच में पड़ने वाली बल्ह वैली यहां के लोगों के लिए सोना उगलने से कम नहीं। सिंचाई वाली इस घाटी में सब्जियों सहित बड़े पैमाने पर पारंपरिक फसलों का उत्पादन होता है। यही यहां के किसानों का मुख्य पेशा भी है। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद भाजपा की पूर्व सरकार यहां फर्टाइल लैंड पर एयरपोर्ट बनाने पर तुली थी।
जयराम ठाकुर बतौर मुख्यमंत्री ऐलान तक चुके थे कि वह रहे न रहें, बल्ह में एयरपोर्ट बनकर रहेगा। परिस्थितियां अब बदल चुकी हैं, सरकार कांग्रेस की है। जिस तरह से नई सरकार ने सर्वे करने वाली पुरानी कंपनी को हटाकर नई सर्वे एजेंसी को काम सौंपा है। उससे साफ जाहिर है कि अंदर ही अंदर कुछ न कुछ, उथल-पुथल जरूर है।
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