कहते है कि अगर इंसान लक्ष्य निर्धारित कर ले तो उसके राह से तमाम बाधाएं दूर होती जाती है। ऐसा ही लक्ष्य धर्मपुर क्षेत्र के सबसे दुर्गम गांव की रिदम ठाकुर ने तय किया। रिदम ठाकुर ने डॉक्टर बनने का सपना देखा ताकि वो डॉक्टर बनकर सुविधाओं से कोसो दूर गांव के अंतिम छोर पर बैठे हुए हर उस व्यक्ति की सेवा करें, जहां तक मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
रिदम ठाकुर ने दिन रात इसी लक्ष्य को लेकर पढ़ाई की और अब ना सिर्फ़ पहले ही प्रयास में नीट की परीक्षा पास की बल्कि उसका डॉ वाई एस परमार गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नाहन से MBBS की पढ़ाई के लिए भी चयन हो गया है। रिदम ठाकुर ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने परिजनों और स्कूल अध्यापकों को दिया है। जिन्होंने उनका मार्गदर्शन किया है।
पूरा परिवार है शिक्षित
रिदम ठाकुर के दादाजी एक रिटायर्ड अध्यापक माता अंशुजा सरकारी स्कूल में TGT के पद पर कार्यरत है, पिता सुनील ठाकुर रसायन शास्त्र के प्राध्यापक, चाचा अनिल ठाकुर लॉरेंस स्कूल सनावर में विज्ञान के अध्यापक हैं। वहीं चाची नीलम जोकि शारीरिक शिक्षक की प्रवक्ता है। रिदम ने हृदय की गहराइयों से उन सभी का धन्यवाद किया है। जिन्होंने उसे इस मुकाम को हासिल करने में मार्गदर्शन व प्रोत्साहन बढ़ाया है।
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