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सर्दियों का मौसम तमाम जीव-जंतुओं और मनुष्य के लिए कई सारी दिक्कतें लेकर आता है। सबसे ज्यादा परेशानी पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को होती है, जब किसी बीमार को अस्पताल ले जाना हो। शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के मनाली से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। लोगों ने एक मरीज को स्ट्रैचर पर उठाकर पूरे 15 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय किया, तब कहीं उन्हें वाहन मिला और फिर उसे लेकर अस्पताल पहुंचे।
मामला लाहौल घाटी के गांव नैन गाहर का है। यहां का टशी तंडुप नामक व्यक्ति अचानक बीमार हो गया। मुरिग-चौखंग-नैन गाहर संपर्क सड़क बर्फबारी के कारण अवरुद्ध होने के कारण ग्रामीणों ने उसे 15 किलोमीटर स्ट्रैचर पर उठाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया। यहां से अटल टनल के रास्ते रोहतांग होते हुए कुल्लू स्थित क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया गया। दूसरी ओर लाहौल घाटी में स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने पर लोगों में रोष है। ग्रामीण दोरजे, अंगरूप, अमन व पलजोर का कहना है कि अटल टनल से सुविधा तो मिली है, लेकिन भारी बर्फबारी के हालात पहले जैसे ही कष्टदायक हैं। जब तक तिंदी, मयाडनाला, नैन गाहर और छीका रारिक जैसे गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ नहीं की जाती, तब तक सर्दियां कष्टदायक ही रहेंगी। यह ग्रामीणों की हिम्मत है कि नैन गाहर के टशी को 15 किलोमीटर बर्फ पर चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचा दिया। उन्होंने बताया कि जनजातीय इलाके के लोगों को सर्दियां आते ही सरकार उनके हाल पर छोड़ देती है। नैन गाहर में स्वास्थ्य उपकेंद्र में अरसे से ताला लटका है। दूरभाष की सुविधा से भी क्षेत्र महरूम है। लोक निर्माण के अधिकारियों को सड़क से बर्फ हटाने को कहा था, लेकिन अभी कोई पहल नहीं हुई है।
उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी लाहौल-स्पीति डॉ. पलजोर ने बताया कि स्वास्थ्य उपकेंद्र नैन गाहर में स्वास्थ्य कर्मी तैनात है। घाटी के दूर-दराज के क्षेत्रों में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने का प्रयास किया जा रहा है।
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