लाहौल-स्पीति में हुई भारी बर्फबारी के बाद काजा मार्ग पर 150 पर्यटक वाहनों के साथ फंस गए। जिसमें 40 के करीब गाड़ियां और एक एचआरटीसी की बस थी। इस बीच भारतीय सेना एक बार फिर लोगों के लिए फरिश्ता बनकर आई। समदो में तैनात आईटीबीपी के जवानों ने नेशनल हाइवे-505 पर फंसे लोगों को अपने कैंप में रेस्क्यू किया। सेना के जवानों ने सभी लोगों को अलग-अलग कैंप में ठहराया। साथ ही उन्हें खाने और मेडिकल कैंप की सुविधा दी गई। लोगों ने भारतीय सेना के विशेष आभार किया। यह सभी लोग पूह से काजा मार्ग पर सोमवार देर शाम से फंसे हुए थे।
कर्नल नितिन मित्तल डोगरा स्काउट ने बताया कि हमारे पास कुल 150 लोग थे। जिन्हें रात भर ठहराया गया। उनके खाने पीने और रहने की पूरी व्यवस्था की गई। सेना ने लोगों को रास्ता खुलने तक आगे जाने से मना किया। सभी ने हमारे निर्देशों का पालन किया। जो लोग हमारे पास रुके थे उनमें से कई लोगों की वायरलेस के माध्यम से उनके परिजनों से बातचीत भी करवाई। जैसे ही मलिंग टॉप खोला गया, तो समदो में फंसे लोगों को तुरंत किन्नौर की तरफ भेज दिया गया। एसडीएम काजा महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बीआरओ की मशीनरी रोड खोलने में लगी हुई है। उन्होंने लोगों और सैलानियों से भी अपील की है कि ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही सफर करें।
एसडीएम काजा महेंद्र प्रताप सिंह ने भारी बारिश और बर्फबारी के कारण समदो-काजा मार्ग का निरीक्षण मंगलवार को किया। इस दौरान डीएसपी रोहित मृग पूरी और नायब तहसीलदार विद्या सिंह नेगी भी मौजूद रही। मंगलवार सुबह ही मार्ग खोलने का कार्य शुरू कर दिया। कई पर्यटक ताबो से काजा की तरफ आ रहे थे। एसडीएम काजा महेंद्र प्रताप सिंह ने कई पर्यटकों से अपील की है कि जो जहां है, अगले निर्देशों तक वहीं पर रुके। इस मौके पर उन्होंने यहां पर फंसे हुए पर्यटकों का कुशलक्षेम भी जाना।
होम स्टे संचालकों को निर्देश- लोगों को करे जागरूक
एसडीएम काजा ने ताबो में होम स्टे संचालकों को दिशा-निर्देश जारी किए कि वे इलाके में फंसे लोगों को बेहतर तरीके से यहां की परिस्थितियों के बारे में जागरूक करें, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न आए। समदो में फंसे लोगों से मिले और यातायात की स्थिति के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही बेवजह यात्रा न करने की सलाह दी।
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