अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज 15 अक्टूबर से होगा। इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए दशहरा समिति की तरफ से 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया गया। उत्सव के आयोजन को लेकर आखिरी बैठक कुल्लू में हुई। जिलाधीश आशुतोष गर्ग ने बताया कि इस बार केवल देवी-देवताओं का महामिलन उत्सव में दिखाई देगा। पिछले कई सालों से जिले के देवी देवताओं के बैठने के लिए ढालपुर मैदान में स्थल चिन्हित किए गए हैं और इसका बाकायदा नक्शा भी बनाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देवी-देवता ढालपुर मैदान में केवल अपने चिन्हित स्थल पर ही बैठेंगे ताकि किसी प्रकार के विवाद से बचा जा सके। बैठक में पुलिस अधीक्षक गुरदेव शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
खाली जगह पर किसी प्रकार की गतिविधि नहीं होगी
आशुतोष गर्ग ने कहा कि ढालपुर मैदान में जहां वाणिज्यिक गतिविधियां होती थी और प्रदर्शनियां लगती थी, उस स्थल को पूरी तरह से खाली रखा जाएगा और इसमें किसी भी प्रकार के अतिक्रमण की इजाजत नहीं होगी। ऐसे स्थलों को चिन्हित करने तथा बैरिकेडिंग करने के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया। जिसमें कारदारों को भी शामिल किया गया।
जिन रास्तों से आएंगे देवी-देवता वहां लगाई जाएगी टीमें
जिन रास्तों से देवताओं के आने की संभावना है, वहां पर कोरोना नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए टीमें लगाई गई हैं जो जरूरत पड़ने पर देवलुओं और कारकूनों को मास्क और सैनेटाइजर भी मुहैया करवाएगी। उन्होंने कहा कि अनुशासन को लेकर किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। आशुतोष गर्ग ने कहा कि ढालपुर मैदान में स्वास्थ्य विभाग काउंटर बनाएगा जहां लोगों को वैक्सीनेशन की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने पहली डोज लेने वालों से अपील की है कि वो जल्द ही दूसरी वैक्सीन भी लगवा लें। जिससे ढालपुर मैदान में उत्सव का आनंद उठा सकें।
जिला कारदार संघ देगा प्रशासन का सहयोग
जिला कारदार संघ के महासचिव नारायण सिंह चौहान और ज्वाली महादेव के कारदार गोपाल मंहत ने सभी से व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जिन देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया गया है, वह अपने पूर्व चिन्हित स्थलों में बैठें और जो देवता पंजीकृत नहीं हैं और दशहरा में आ रहे हैं, वह अपना तिरपाल इत्यादि साथ लेकर आएंगे। बैठने के लिए ढालपुर मैदान में नया स्थल नहीं दिया जा सकता। वह अपने बैठने की जगह को ढालपुर मैदान से बाहर पूर्व की भांति स्वंय व्यवस्था कर लें। आग्रह किया कि उपायुक्त कार्यालय परिसर में कोई भी देवता प्रवेश न करें। इससे जिला प्रशासन के साथ सौहार्द और अनुशासन बना रहेगा।
भगवान रघुनाथ की यात्रा के साथ न जाए अन्य देवता
नारायण सिंह चौहान ने देवताओं से एक अपील की है कि जब भगवान रघुनाथ जी सुल्तानपुर अपने निवास स्थान से ढालपुर मैदान के लिए रवाना होते हैं तो उस दौरान अन्य देवता श्री रघुनाथ जी के मंदिर में नहीं जाएं। ऐसा करने से रास्ता तंग होने के कारण अनावश्यक भीड-भाड़ और यातायात जाम की बड़ी समस्या हो जाती है। देवता रथ यात्रा के बाद और दोपहर एक बजे से पहले श्री रघुनाथ जी के मंदिर के लिए जाएं तो इससे किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
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