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पहले काेराेना संकट के चलते और अब किसान आंदाेलन के कारण देश की राजधानी दिल्ली के लिए बस सेवा प्रभावित हैं। यही नहीं, अब टैक्सियां भी दिल्ली के लिए नहीं जा रही है। जाे टैक्सी चालक जाने के लिए तैयार हाे रहे हैं, वे 10 हजार तक किराया ले रहे हैं। आम दिनों में टैक्सी से दिल्ली जाना हो तो 5500 रुपए किराया लिया जाता है।
ऐसे में शिमला शहर के लाेगाें काे दिक्कताें का सामना करना पड़ रहा है। जिन लाेगाें काे मजबूरी में दिल्ली के लिए जाना पड़ रहा है, वे महंगी टैक्सी किराए पर लेने काे मजबूर हाे रहे हैं। ऐसे में अब लाेगाें काे अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खास बात ये है कि जिला शिमला से अधिकतर लाेग दिल्ली में नाैकरी करते हैं। इसके अलावा एजुकेशन हब हाेने के चलते दिल्ली में काफी अधिक काेचिंग सेंटर भी हैं। यहां पर भी कई छात्र-छात्राएं काेचिंग लेने के लिए जाते हैं। काेराेना के चलते कई लाेग अपने घराें काे आए हुए हैं, अब उन्हें वापस जाना है, लेकिन बसें न चलने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, एचअारटीसी के एमडी संदीप कुमार का कहना है कि जब सरकार के आदेश हाेंगे, तभी बसें चलाई जाएगी। फिलहाल अभी बस सेवा बंद हैं।
एचआरटीसी की बस में 500 रुपए देकर पहुंच जाते हैं दिल्ली
वॉल्वो में लगते हैं 950 रुपएः दिल्ली के लिए एचआरटीसी की साधारण बस में महज 500 रुपए किराया लगता है। इसी तरह वाॅल्वाे में करीब 950 रुपए किराया देना पड़ता है। जबकि, अब टैक्सी चालक मनमाने रेट दिल्ली रूट के लिए ले रहे हैंऐ से में आम लाेगाें काे दिक्कताें का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी बात ये है कि अभी तय ही नहीं हुआ है कि दिल्ली के लिए कब बस सेवा शुरू हाेगी। शिमला समेत प्रदेश भर के डिपुओ से राेज 140 बसें दिल्ली जाती हैं।
{इस तरह परेशान हो रहे हैं मुसािफर
वर्क फ्रॉम होम था, अब जा नहीं पा रहा वापसः पुनीत पुनीत कुमार दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। पिछले पांच महीने से ये घर में हैं। अब कंपनी की ओर से उन्हें ऑफिस ज्वाइन करने काे कहा गया है। अगर जनवरी में ऑफिस ज्वाइन नहीं किया ताे नाैकरी भी खतरे में पड़ सकती हैं। टैक्सी वाले पहले ताे जाने से इनकार कर रहे थे, लेकिन अब जब तैयार हुए ताे 10 हजार किराया मांग रहे हैं।
दिल्ली के अस्पताल में चल रहा इलाज, कैसे जाऊंः श्याम भराड़ी के रहने वाले श्याम लाल ने दिल्ली के एक अस्पताल से अपना इलाज करवा रहे हैं। ये कहते हैं कि एचअारटीसी की बसें नहीं चल रही हैं। मेरे पास अपनी गाड़ी भी नहीं हैं। ऐसे में टैक्सी अगर मिल भी जाए ताे हजाराें रुपए किराया देने के लिए नहीं हैं। एचअारटीसी की बस सेवा शुरू हाेनी चाहिए।
दिन में दो या तीन बसें तो चलाई जाएंःदिल्ली के रूट पर अब टैक्सी चालक भी जाने से इनकार कर रहे हैं। किसान आंदाेलन के चलते हाईवे जाम हैं, ऐसे में टैक्सी चालक किसी भी तरह का रिस्क नहीं उठाना चाहते हैं। जाे चालक जाने के लिए तैयार हाे रहे हैं, वे काफी अधिक किराया ले रहे हैं। ऐसे में लाेगाें ने मांग की है कि बसें दिल्ली रूट के लिए चलाई जाएं। दिल्ली के लिए दिन में दाे से तीन बसें हर हाल में भेजी जाएं। अगर चंडीगढ़ तक भी सवारियां जाएं ताे यहां से आगे के लिए उन्हें बस ही नहीं मिल रही है।
एचअारटीसी काे भी नुकसानः दिल्ली आऔर बाहरी राज्याें रूट बंद हाेने से लाेगाें के साथ-साथ एचअारटीसी काे भी नुकसान हाे रहा है। नए साल के लिए दिल्ली से अधिकतर पर्यटक इन दिनाें हिमाचल के पर्यटन स्थलाें के अलावा शिमला के लिए अाते हैं। 20 नवंबर से लेकर 10 जनवरी तक एचअारटीसी की वाॅल्वाें बसाें की एडवांस बुकिंग हाेती थी। एचअारटीसी इन दिनाें एक ही दिन में लगभग दाे कराेड़ की कमाई करता था। जबकि, इस बार हालत खस्ता हैं। एचअारटीसी काे कर्मचारियाें की सैलरी तक के लाले पड़े हुए हैं। वाॅल्वाे बसें नहीं चल रही हैं, जबकि अन्य एसी बसें भी खड़ी की गई हैं। एेसे में जाे कमाई हाेनी थी, वह बंद हाे गई है।
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